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नौ दिन चले अढ़ाई कोस : लक्ष्य से बहुत दूर है गेहूं खरीद, देखिए कैसे पूरा होता है टारेगट

विभाग ने कालाबाजारी और अवैध भंडारण पर भी पैनी नजर बनाए रखी। गठित टीमों ने कई स्थानों पर छापेमारी कर कार्रवाई भी की। इससे कुछ हद तक नियंत्रण तो हुआ, लेकिन बाजार व्यवस्था पर इसका व्यापक असर नहीं दिखा।
 

9 दिनों में पूरा करना है जिले का 41,500 मीट्रिक टन का लक्ष्य

गेहूं खरीद की रफ्तार काफी धीमी

गांव-गांव अभियान का भी नहीं मिला पूरा लाभ

चंदौली जिले में जिला विपणन विभाग की तमाम कोशिशों के बावजूद रबी सत्र 2025 में गेहूं खरीद की रफ्तार संतोषजनक नहीं रही है। शासन द्वारा निर्धारित 41,500 मीट्रिक टन के लक्ष्य के सापेक्ष अब तक मात्र 8309 मीट्रिक टन गेहूं की ही खरीद हो सकी है, जबकि खरीद कार्य के समाप्त होने में अब सिर्फ नौ दिन शेष हैं।

विभागीय आंकड़ों के अनुसार, शुरुआत में गेहूं की फसल में देरी के कारण किसानों की क्रय केंद्रों पर उपस्थिति नगण्य रही। अप्रैल के दूसरे पखवाड़े में कुछ तेजी जरूर आई, परंतु अपेक्षा के अनुरूप खरीद नहीं हो सकी।

विपणन अधिकारी अनुपम निगम ने बताया कि किसानों को प्रेरित करने के लिए विभाग द्वारा गांव-गांव जाकर जागरूकता अभियान चलाया गया। इसके बावजूद परिणाम सीमित ही रहे। बिचौलियों की सक्रियता और खलिहानों पर ही औने-पौने दाम पर गेहूं की खरीद ने भी सरकारी व्यवस्था को प्रभावित किया।

विभाग ने कालाबाजारी और अवैध भंडारण पर भी पैनी नजर बनाए रखी। गठित टीमों ने कई स्थानों पर छापेमारी कर कार्रवाई भी की। इससे कुछ हद तक नियंत्रण तो हुआ, लेकिन बाजार व्यवस्था पर इसका व्यापक असर नहीं दिखा।

फिलहाल किसानों से खरीदे गए गेहूं का करीब 90 प्रतिशत, यानी 20 करोड़ 16 लाख रुपये का भुगतान कराया जा चुका है। अब विभाग अंतिम दिनों में खरीद कार्य को रफ्तार देने के लिए पुनः गांव-गांव अभियान चला रहा है, ताकि शेष लक्ष्य की पूर्ति की जा सके।

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