लोगों की लापरवाही से भयावह होने लगा कोरोना, इस तरह बढ़ रहे तेजी से आंकड़े
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चंदौली जिले में अप्रैल में बेलगाम हुआ कोरोना मार्च में हद में था। फरवरी में मरीजों के मिलने का सिलसिला शून्य तक पहुंच चुका था। मार्च के दूसरे पखवारे में रोजाना दो-चार मरीजों के मिलने का क्रम शुरू हुआ।
हालांकि अप्रैल की तपिश के साथ ही कोरोना का रौद्र रूप शुरू हो गया। कभी 150 तो कभी 300 मरीज मिलने शुरू हुए। वहीं रोजाना मौतें भी होने लगीं। मरीजों की बढ़ती तादाद के सामने स्वास्थ्य विभाग के सारे इंतजाम ध्वस्त होने लगे हैं। आक्सीजन के लिए मारामारी है तो अस्पताल में बेड न मिलने से संक्रमित दम तोड़ रहे हैं।
संक्रमण की इस रफ्तार के लिए कोरोना की दूसरी लहर तो जिम्मेदार है ही, वैक्सीन आने के बाद लोग भी बेपरवाह हो गए। शासन की सख्ती के बाद चेहरे पर मास्क दिखाई दे रहे हैं, वरना 90 फीसद लोग बिना मास्क के ही सार्वजनिक स्थानों पर टहल रहे थे। इससे संक्रमण फैलने के लिए अनुकूल माहौल मिला और अप्रैल में कोरोना ने जो रफ्तार पकड़ी है, उससे अब सभी खौफजदा हैं।
अप्रैल के आंकड़े हैरान करने वाले हैं। 22 लाख की आबादी वाले जिले में पिछले 11 दिनों में 2904 मरीज मिल चुके हैं। सक्रिय केस की संख्या 2321 है। मृतकों की संख्या बढ़कर 93 हो चुकी है। 31 मार्च तक जिले में सक्रिय केस महज 62 और मृतकों की संख्या 68 थी।
जिला अस्पताल के वरिष्ठ परामर्शदाता डाक्टर संजय कुमार बताते हैं कि कोरोना से बचाव के लिए सावधानी ही एकमात्र उपाय है। ऐसे में लोगों को खानपान व रहन-सहन को लेकर सतर्क होना होगा।
ठंडे पेय पदार्थ का सेवन न करें। पौष्टिक और प्रोटीनयुक्त आहार लेते रहें। शरीर का आक्सीजन मापते रहें। मास्क लगाएं और शारीरिक दूरी का पालन करें। किसी तरह की दिक्कत महसूस होने पर तत्काल चिकित्सक से संपर्क करें।
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