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क्या पढ़ना है कि बजाय क्या नहीं पढ़ना है पर ध्यान देने से बनेंगे आईएएस – प्रेम प्रकाश मीणा

tds_top_like_showtds_top_like_showtds_top_like_showtds_top_like_showtds_top_like_show आईएएस की तैयारी करते समय इस बात का विशेष ध्यान रखना चाहिए कि क्या नहीं पढ़ना है, जो बचता है उन सभी की पढ़ाई करनी चाहिए। ये कहना है ज्वाइंट मजिस्ट्रेट चकिया प्रेमप्रकाश मीणा (आईएएस) के। वे क्षेत्र के लोकनाथ महाविद्यालय में आयोजित “आईएएस कैसे बने’ और जीवन व कैरियर में सफलता कैसे पाएं” विषयक
 
क्या पढ़ना है कि बजाय क्या नहीं पढ़ना है पर ध्यान देने से बनेंगे आईएएस – प्रेम प्रकाश मीणा

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आईएएस की तैयारी करते समय इस बात का विशेष ध्यान रखना चाहिए कि क्या नहीं पढ़ना है, जो बचता है उन सभी की पढ़ाई करनी चाहिए। ये कहना है ज्वाइंट मजिस्ट्रेट चकिया प्रेमप्रकाश मीणा (आईएएस) के। वे क्षेत्र के लोकनाथ महाविद्यालय में आयोजित “आईएएस कैसे बने’ और जीवन व कैरियर में सफलता कैसे पाएं” विषयक संगोष्ठी में मुख्य अतिथि पद से बोल बुधवार को बोल रहे थे।

उन्होंने आगे कहा कि आईएएस की तैयारी करते समय दस किताबों को दस बार पढ़ने की बजाय एक किताब को दस बार पढ़ना चाहिए। कोचिंग संस्थानों की भूमिका के बारे में पूछने पर उन्होंने सख़्त लहज़े में कहा कि यह समय की बर्बादी है, इसकी बजाय सेल्फ स्टडी पर ध्यान देने की जरूरत है।

उन्होंने आगे कहा कि यह परीक्षा व्यक्ति के धैर्य की परीक्षा भी लेती है। इसलिए बार-बार की असफलता से घबराने की जरूरत नहीं, बल्कि अपने में सुधार लाने की जरूरत है। परीक्षा में किस माध्यम से सफल हुआ जा सकता है? यह पूछने पर उन्होंने बताया कि निश्चित रूप से हिंदी हमारी मातृ भाषा है, इसके बावजूद आज भी अंग्रेजी माध्यम के प्रतियोगी आईएएस की परीक्षा में बहुतायत सफल होते हैं। उन्होंने कहा कि लक्ष्य को केंद्रित करके की गई तैयारी से निश्चय ही सफलता मिलती है।

विशिष्ट अतिथि खण्डवारी देवी पीजी कॉलेज के प्रबंधक राजेन्द्र प्रताप सिंह ने कहा कि इस संगोष्ठी से ग्रामीण क्षेत्र की प्रतिभाओं को आईएएस बनने में मददगार साबित होगी। तहसीलदार वंदना मिश्रा ने कहा कि जीवन में हमेशा लक्ष्य बनाकर चलना चाहिए। बिना लक्ष्य के कोई लक्ष्य नहीं मिल पाता। कड़ी मेहनत की का कोई विकल्प नहीं है। सफलता संघर्षों से मिलती है।

संगोष्ठी को राष्ट्रपति से सम्मानित मोहम्मद नजमुद्दीन उर्फ बन्ने मास्टर, मुख्यमंत्री और राज्यपाल से पुरस्कृत राकेश यादव रौशन, शिक्षक वीरेंद्र यादव, प्रबंधक प्रभुनारायण सिंह लल्ला, पूर्व प्रधान रामदरश यादव, डॉ. विनय सिंह, शैलेन्द्र पांडेय कवि आदि लोगों ने भी संबोधित किया।

इस अवसर पर धीरेंद्र सिंह शक्ति, अंशुमान सिंह, अरविंद यादव, श्रीप्रकाश यादव, सुधींद्र पांडेय, राहुल मिश्रा, दुर्गेश पांडेय, डॉ. राजेश निषाद आदि लोग मुख्य रूप से उपस्थित थे। अतिथियों का स्वागत पत्रकार आनंद सिंह ने, अध्यक्षता प्रबंधक धनंजय सिंह, संचालन अभय कुमार पीके और धन्यवाद ज्ञापन प्रधानाचार्य डॉ. विनय कुमार सिंह ने किया।

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