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दयालपुर में विजिलेंस टीम की कार्रवाई पर हंगामा, ग्रामीणों ने लगाया अवैध वसूली का आरोप

आरोप यह भी है कि अधिकारी विशेष रूप से दलित और कमजोर तबके के घरों को ही निशाना बना रहे हैं। ग्रामीणों के आक्रोश के बीच समाजसेवी विवेक सिंह बुद्धन मौके पर पहुंचे और लोगों को शांत कराया।
 

बिजली विभाग की सिर्फ चेकिंग नहीं.. वसूली पर नजर

ग्रामीणों ने विजिलेंस पर आरोप लगाकर टीम को घेरा

घर में घुसकर धमकाने का आरोप

चंदौली जिले में शनिवार को चंदौली जिले की सदलपुरा गांवसभा के अंतर्गत आने वाले दयालपुर गांव की एक बस्ती में उस समय तनाव का माहौल बन गया जब बिजली विभाग की विजिलेंस टीम चेकिंग के लिए पहुंची। गांव वालों ने टीम को घेर लिया और जमकर विरोध प्रदर्शन किया। ग्रामीणों ने आरोप लगाया कि विजिलेंस टीम की कार्रवाई का असली मकसद बिजली चोरी पकड़ना नहीं, बल्कि अवैध वसूली करना है।

ग्रामीणों ने बताया कि मीटर पहले से ही घर के बाहर लगे हैं, बावजूद इसके अधिकारी चेकिंग के बहाने घर के अंदर घुसकर लोगों को धमका रहे थे। आरोप यह भी है कि अधिकारी विशेष रूप से दलित और कमजोर तबके के घरों को ही निशाना बना रहे हैं। ग्रामीणों के आक्रोश के बीच समाजसेवी विवेक सिंह बुद्धन मौके पर पहुंचे और लोगों को शांत कराया।

पहले भी हो चुकी है शिकायत
स्थानीय लोगों ने बताया कि एक माह पहले भी विजिलेंस विभाग ने बस्ती में छापेमारी की थी, जिसमें 6 घरों में चेकिंग के बाद कुछ लोगों को विभाग के ऑफिस बुलाकर मामले को दबा दिया गया था। ग्रामीणों का कहना है कि उस समय भी चेकिंग से ज्यादा ध्यान वसूली पर था। ग्रामीणों ने कहा कि यह सिलसिला अब बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।

विजिलेंस टीम की मौजूदगी पर उठे सवाल
कस्बे के कुछ नागरिक जैसे डॉ. मनोज कुमार, रामाश्रय, विजय, पुल्लू और सोनू ने सवाल उठाए कि विजिलेंस टीम के साथ विद्युत निगम की सामान्य टीम की गैरमौजूदगी क्यों थी। उनका कहना था कि विजिलेंस टीम बिना किसी स्थानीय प्रतिनिधि या अधिकृत सदस्य के गांव में चेकिंग करती है, जिससे अनियमितताओं की संभावना और बढ़ जाती है।

अधिकारियों ने आरोपों को किया खारिज
विजिलेंस प्रभारी आरपी सिंह ने पूरे घटनाक्रम पर सफाई देते हुए कहा कि सिर्फ दो घरों में चेकिंग की गई थी और ग्रामीणों द्वारा लगाए गए अवैध वसूली के आरोप बेबुनियाद हैं। उन्होंने कहा कि विभाग अपनी जिम्मेदारी के तहत नियमित जांच कर रहा था। इस पूरे घटनाक्रम ने एक बार फिर बिजली विभाग की कार्यप्रणाली और ग्रामीण इलाकों में उसकी साख पर सवाल खड़े कर दिए हैं। अब देखना यह है कि प्रशासन इस मामले की जांच करता है या इसे भी पहले की तरह नजरअंदाज कर दिया जाएगा।

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