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चंदौली जिले में बढ़ने लगी है सिंचाई की समस्या, दिखने लगे सूखे के आसार, धान की फसल पर खतरा ​​​​​​​

जिले में 856 किमी नहरों का जाल फैला है, फिर भी सिंचाई के लिए पानी नहीं मिलने से किसान बेहाल हैं। मानसून ने भी धोखा दे दिया तो नहरें भी सूखी पड़ी हैं। इससे जहां धान की रोपाई पिछड़ रही है
 

धान की खेती को लेकर किसान है परेशान

बारिश की कमी और नहरों में पानी ना छोड़े जाने की वजह से पिछड़ रही है धान की खेती

सूखा पड़ने की है आशंका

चंदौली जिले में 856 किमी नहरों का जाल फैला है, फिर भी सिंचाई के लिए पानी नहीं मिलने से किसान बेहाल हैं। मानसून ने भी धोखा दे दिया तो नहरें भी सूखी पड़ी हैं। इससे जहां धान की रोपाई पिछड़ रही है, वहीं फसल के सूखने का डर भी किसानों को सता रहा है।


आपको बता दें कि जिले में कर्मनाशा, चंद्रप्रभा सिस्टम व नरायनपुर लिफ्ट कैनाल से निकली 663 नहरों और माइनरों का 856 किलोमीटर तक जाल फैला है। इसके बावजूद सैकड़ों किसानों की फसल हर साल सूख जाती है। नहरों के टेल पर बसे गांवों में पानी पहुंच ही नहीं पाता है। सिंचाई विभाग बिजली कटौती का बहाना बनाकर पल्ला झाड़ लेता है। वहीं नहरों की सफाई नहीं होने और जगह-जगह तटबंध टूटे होने के कारण टेल तक पानी नहीं पहुंचता। पानी के अभाव में धान की फसल सूख जाती है। 

आप जानते ही है चंदौलीः सदर और शहाबगंज ब्लॉक के किसान बिजली और पानी की समस्या से जूझ रहे हैं। कर्मनाशा लेफ्ट नहर से निकली बेन धरौली माइनर सूखी है, जिससे छह गांवों की 10 हजार बीघा धान की फसल पर संकट मंडरा रहा है। किसानों को नहर से पानी नहीं मिल रहा है। वहीं बिजली की नियमित आपूर्ति न होने से सिंचाई नहीं हो पा रही है। 

कर्मनाशा नहर से निकली बेन धरौली माइनर से चंदौली और शहाबगंज विकास खंड के कई गांव के किसान सिंचाई करते हैं। इस माइनर से कुशहा, खखड़ा, रोहखी, बरियारपुर, खिलची और धरौली गांव के किसानों के खेतों के सिंचाई होती है। माइनर में पानी न आने के कारण लगभग 10 हजार से अधिक बीघे खेत में रोपी गई धान की फसल पर संकट के बादल मंडरा रहे है। किसानों ने बेन धरौली माइनर में जल्दी से पानी देने की मांग की है। 

आपको बता दें कि किसानों ने चेतावनी दी है कि यदि पानी के अभाव में फसल नष्ट हुई तो नहर को पाट दिया जाएगा। किसानों का कहना है कि पिछले कई सप्ताह से बारिश न होने के चलते धान की रोपाई बाधित है। जो धान लगाए गए हैं उसे निजी साधनों से किसान बचाने की जुगत में हैं। 

वही संदीप सिंह ने कहा कि धान की फसल झुलस रही है। कई इलाकों में तो धान की रोपनी ही नहीं हुई है। अमित सिंह ने कहा कि बिजली न मिलने के कारण फसल को भी बचाना मुश्किल लग रहा है। 


इस संबंध में चंद्रप्रभा प्रखंड के एक्सईएन सर्वेशचंद्र सिन्हा ने बताया कि नहरों को पूरी क्षमता से चलाने का प्रयास किया जा रहा है। बुधवार को नरायनपुर पंप कैनाल के 11 गेट खोल दिए गए हैं, ताकि टेल तक पानी पहुंच सके। बिजली कटौती के कारण समस्या आ रही है 

                                                                                                                                                                                                                                                        

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