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फसलों की सिंचाई के लिए 90 प्रतिशत अनुदान वाली स्कीम का उठाएं लाभ, ऐसे करें आवेदन किसान

tds_top_like_showtds_top_like_showtds_top_like_showtds_top_like_showtds_top_like_show चंदौली जिले में फसलों की सिंचाई में किसान तकनीकी का इस्तेमाल कर पानी बचाने पर जोर दिया जा रहा है। इसके लिए गोष्ठी करके जानकारी देने की कोशिश की गयी। बताया गया कि इससे कृषि लागत में कमी आएगी। वहीं भरपूर उत्पादन होने से किसानों को अच्छी आमदनी होगी। इस दौरान उद्यान विभाग की ओर
 
फसलों की सिंचाई के लिए 90 प्रतिशत अनुदान वाली स्कीम का उठाएं लाभ, ऐसे करें आवेदन किसान

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चंदौली जिले में फसलों की सिंचाई में किसान तकनीकी का इस्तेमाल कर पानी बचाने पर जोर दिया जा रहा है। इसके लिए गोष्ठी करके जानकारी देने की कोशिश की गयी। बताया गया कि इससे कृषि लागत में कमी आएगी। वहीं भरपूर उत्पादन होने से किसानों को अच्छी आमदनी होगी।

इस दौरान उद्यान विभाग की ओर से कृषि विज्ञान केंद्र सभागार में आयोजित गोष्ठी में कृषि विशेषज्ञों ने किसानों को प्रधानमंत्री कृषि सिंचाई योजना समेत उन्नत खेती की जानकारी दी। वहीं किसानों के सवालों का जवाब देकर उनकी जिज्ञासा शांत की।

उद्यान अधिकारी नन्हेलाल वर्मा ने कहा, कम पानी में फसल की बेहतर ढंग से सिंचाई की जा सकती है। इसके लिए किसान स्प्रिंकलर (फव्वारा) विधि अपनाएं। सरकार ने प्रधानमंत्री कृषि सिंचाई योजना लागू की है। इसमें सामान्य किसानों को 80 व लघु व सूक्ष्म किसानों को 90 फीसद तक अनुदान मिलता है। योजना में प्रथम आवक प्रथम पावक का सिद्धांत लागू किया गया है। इसके लिए किसान आनलाइन आवेदन कर सकते हैं।
वहीं किसी पंजीकृत फर्म से स्प्रिंकलर पाइप खरीदने के बाद आवेदन के साथ बिल दफ्तर में जमा करा दें। आवेदन स्वीकृत होने के बाद किसानों को लागत पर 80 से 90 फीसदी तक अनुदान दिया जाएगा।

जानकारी देते हुए बताया कि स्प्रिंकलर विधि से भूमि को समतल किए बगैर अच्छे ढंग से खेत की सिचाई की जा सकती है। यह प्रणाली ढलान व ऊंचे-नीचे स्थान पर सिचाई के लिए काफी कारगर है। वहीं आलू, मटर, प्याज, लहसुन, अदरक, पत्तागोभी, फूलगोभी, पत्तेदार सब्जियों, ब्रोकली, स्ट्राबेरी, मूंगफली, सरसो, दाल, चाय व नर्सरी की सिचाई इस विधि से करना चाहिए। इससे फसल का उत्पादन बेहतर होगा। उन्होंने किसानों को बागवानी की खेती के प्रति जागरूक किया।

अधिकारियों ने कहा कि धान, गेहूं के साथ ही किसान बागवानी की खेती करें। इससे पर्यावरण संरक्षण को बढ़ावा मिलेगा। वहीं आय भी बढ़ेगी। बाग में सहफसली खेती की जा सकती है। कई किसान आम, अमरूद के बाग में हल्दी, मूंगफली व सब्जी की खेती करते हैं। केविके प्रभारी डा. एसपी सिंह, डा. अभयदीप गौतम, डा. समीर पांडेय, सहायक उद्यान अधिकारी सुरेश मिश्र व अन्य मौजूद थे।

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