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चंदौली जिले में झुलसा रोग का दिखने लगा असर, सावधान हो जाएं किसान

 

चंदौली जिले में पिछले एक पखवारे से चल रहे मौसम का प्रतिकूल प्रभाव धान व अरहर की फसल पर भी पड़ने लगा है। अधिक तापमान व आ‌र्द्रता के कारण फसल में रोग व कीट लगने की संभावनाएं बढ़ गयीं हैं। कई इलाकों में धान में झुलसा रोग दिखने लगा है। ऐसे में अन्नदाताओं को फसल की बराबर निगरानी करते रहना आवश्यक है।

कृषि विज्ञान केंद्र के वरिष्ठ वैज्ञानिकों का कहना है कि धान के जीवाणु झुलसा रोग के नियंत्रण के लिए स्ट्रेप्टोमाइसिन सल्फेट 90 प्रतिशत, टेट्रासाइक्लिन हाइड्रोक्लोराइड 10 फीसदी व 15 ग्राम अथवा कॉपर ऑक्सीक्लोराइड 50 फीसद डब्लू. पी. 500 ग्राम को 400 से 500 लीटर पानी के साथ घोल बनाकर मौसम साफ होने पर छिडकाव करें।

 वहीं धान की फसल में तना छेदक के नियंत्रण के लिए क्लोरपाइरीफास 20 फीसद ईसी 1.5 लीटर प्रति हेक्टर की दर से 500 से 600 लीटर पानी के साथ छिड़काव करें। 

Jhulsa Rog

वहीं कृषि वैज्ञानिक ने बताया कि अरहर की फसल में पत्ती मोड़क किट के नियंत्रण के लिए प्रोफेनोफास 50 ईसी 1.5 मिली प्रति लीटर पानी के साथ घोल बनाकर छिड़काव करें।


मौसम पूर्वानुमान आंकड़ों के अनुसार आगामी सप्ताह में जनपद के कुछ हिस्सों में हल्की वर्षा होने की संभावना है, तथा बादल रहने का अनुमान है। औसत अधिकतम तापमान 34.0 से 36.0 डिग्री सेंटीग्रेड के मध्य, न्यूनतम तापमान 26.0 से 27.0 डिग्री सेंटीग्रेड के मध्य रहेगा। सामान्य से तेज गति से ज्यादातर पूर्वी-दक्षिण दिशा की ओर हवा चलने की संभावना है।

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