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पुलिस प्रशासन द्वारा किसानों को किया जा रहा नजर बंद, जानिए क्या है पूरा मामला

भाकियू (टिकैत) के किसान 14 मार्च को नई दिल्ली के रामलीला मैदान में जाने की तैयारियों में जुटे हैं। लेकिन इसकी भनक जब पुलिस विभाग को लगी तो पुलिस प्रशासन द्वारा किसानों को नजरबंद करना शुरू कर दिया गया हैं। 
 

चंदौली जिले के भाकियू (टिकैत) के किसान 14 मार्च को नई दिल्ली के रामलीला मैदान में जाने की तैयारियों में जुटे हैं। लेकिन इसकी भनक जब पुलिस विभाग को लगी तो पुलिस प्रशासन द्वारा किसानों को नजरबंद करना शुरू कर दिया गया हैं। 


आपको बता दें कि पुलिस के अफसरों ने भाकियू के मंडल प्रवक्ता मणिदेव चतुर्वेदी के धरहरा स्थित आवास पर किसानों के साथ बैठक किया। इस दौरान किसानों को कानून व्यवस्था का हवाला दिया गया। किन्तु किसानों ने पुलिस के अफसरों की बातों को सुनने से इंकार कर दिया। 14 मार्च को नई दिल्ली रवाना होने का ऐलान कर दिया। 

भाकियू के मंडल प्रवक्ता मणिदेव चतुर्वेदी ने बताया कि देश मे अब लोकतंत्र रह ही नही गया है। सत्ताधारी पार्टी जब चाहे तब जनसभा कर सकती है। लेकिन अन्य संगठनों को देश मे शांतिपूर्वक कार्यालय पर मीटिंग करने की मनाही है। 


उन्होने कहा कि देश मे अन्य विचारधाराओं को गला घोटकर मारने का काम किया जा रहा है। वर्तमान सरकार देश के किसान, मजदूरों को रौंदने का काम कर रही है।

आम नागरिकों के साथ सौतेला व्यवहार

जिलाध्यक्ष सतीश सिंह चौहान ने कहा कि आज जिस तरह से हमें प्रशासन ने डिटेन किया है। ये आम नागरिकों के साथ सौतेला व्यवहार है। हम किसानों को सरकार कुचलने का प्रयास कर रही है, लेकिन ऐसी तानाशाही को देश का किसान मजदूर कूचलकर रख देगा। ऐसे में किसान संगठन के लोग लामबंद होकर 14 मार्च को नई दिल्ली के लिए कूंच करेगा। इस दौरान छोटे लाल चौहान, खिचडू चौहान कोषाध्यक्ष, श्रवण मौर्य, हाकिम सुलेमानी, जीउत मौर्या, प्रभाकर मौर्या, रामलाल, महेंद्र राम, सत्येंद्र मौजूद रहे।

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