जिले का पहला ऑनलाइन न्यूज़ पोर्टलMovie prime

बिजली निजीकरण के खिलाफ चंदौली में गरजा किसान मोर्चा, ज्ञापन सौंप आंदोलन की दी चेतावनी

कार्यकर्ताओं ने कहा कि अभी तक सरकार द्वारा बिजली पर दी जा रही सब्सिडी से किसानों को कुछ राहत मिलती है, लेकिन निजी कंपनियों के आने के बाद न तो सब्सिडी मिलेगी और न ही किसानों को समय पर बिजली उपलब्ध हो पाएगी।
 

कलेक्ट्रेट पहुंचकर किसानों ने डीएम को सौंपा मुख्यमंत्री के नाम ज्ञापन

बिजली क्षेत्र के निजीकरण को बताया जनविरोधी और किसान विरोधी फैसला

निजीकरण वापस लो के नारों से गूंजा कलेक्ट्रेट परिसर

चंदौली जनपद के जिला मुख्यालय स्थित कलेक्ट्रेट में ऑल इंडिया किसान महासभा के कार्यकर्ताओं ने मंगलवार को बिजली के निजीकरण के खिलाफ जिला अधिकारी को मुख्यमंत्री के नाम एक ज्ञापन सौंपा। संगठन ने चेतावनी दी कि अगर सरकार ने जल्द ही निजीकरण की प्रक्रिया पर रोक नहीं लगाई, तो किसान बड़े आंदोलन के लिए बाध्य होंगे।

Kisan Morcha Gyapan

ज्ञापन में किसानों ने बिजली क्षेत्र के निजीकरण को जनविरोधी करार देते हुए कहा कि यह फैसला पूरी तरह से किसानों के हितों के खिलाफ है। निजीकरण के बाद बिजली वितरण का नियंत्रण कारपोरेट घरानों के हाथ में चला जाएगा, जिससे किसानों का शोषण बढ़ेगा और उन्हें महंगी दरों पर बिजली खरीदनी पड़ेगी।

कार्यकर्ताओं ने कहा कि अभी तक सरकार द्वारा बिजली पर दी जा रही सब्सिडी से किसानों को कुछ राहत मिलती है, लेकिन निजी कंपनियों के आने के बाद न तो सब्सिडी मिलेगी और न ही किसानों को समय पर बिजली उपलब्ध हो पाएगी। इससे कृषि कार्य प्रभावित होगा और किसानों की आर्थिक स्थिति और खराब होगी।

किसान महासभा के नेताओं ने स्पष्ट किया कि अगर सरकार ने किसानों की मांगों को नजरअंदाज किया और निजीकरण पर रोक नहीं लगाई, तो वे सड़क पर उतरकर जोरदार आंदोलन करेंगे। उन्होंने सरकार को चेतावनी दी कि किसानों को मजबूर न किया जाए कि वे सरकार के खिलाफ ‘आखिरी कील’ ठोक दें।

ज्ञापन सौंपने के दौरान किसान नेता दीनानाथ श्रीवास्तव,मुन्ना सिंह,शेषनाथ यादव,श्रवण कुशवाहा पिंटू पाल सहित बड़ी संख्या में किसान मौजूद रहे और उन्होंने 'निजीकरण वापस लो' जैसे नारे लगाए। संगठन ने कहा कि यह लड़ाई सिर्फ किसानों की नहीं, बल्कि आम जनता के अधिकारों की भी है।

चंदौली जिले की खबरों को सबसे पहले पढ़ने और जानने के लिए चंदौली समाचार के टेलीग्राम से जुड़े।*