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केवीके ने बांटा दलहनी, तिलहनी फसलों का निःशुल्क बीज

tds_top_like_showtds_top_like_showtds_top_like_showtds_top_like_showtds_top_like_show चंदौली जिले में चयनित किसानों को दलहनी और तिलहनी फसलों का बीज केवीके के द्वारा निःशुल्क वितरित किया जा रहा है। शुक्रवार को केवीके डा. एसपी सिंह ने सौ किसानों को उन्नत प्रजाति के बीज दिए। कहा कि आधूनिक खेती करने पर अन्नदाताओं की आय दोगुनी हो सकती है। इसके लिए परंपरागत खेती के साथ
 
केवीके ने बांटा दलहनी, तिलहनी फसलों का निःशुल्क बीज

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चंदौली जिले में चयनित किसानों को दलहनी और तिलहनी फसलों का बीज केवीके के द्वारा निःशुल्क वितरित किया जा रहा है।

शुक्रवार को केवीके डा. एसपी सिंह ने सौ किसानों को उन्नत प्रजाति के बीज दिए। कहा कि आधूनिक खेती करने पर अन्नदाताओं की आय दोगुनी हो सकती है। इसके लिए परंपरागत खेती के साथ नकदी फसलों के उत्पादन पर किसानों को पहल करने की जरुरत है।

कृषि वैज्ञानिक डा. समीर पांडेय ने कहा कि मंसूर की प्रजाति एनडीएल वन का उत्पादन 135 से 140 दिनों के बीच लगभग 20 से 25 कुंतल प्रति हेेक्टेयर प्राप्त होता है। इसके अलवा सरसों की एनडीआर 850 प्रजाति का उत्पादन 125 से 130 दिनों के बीच 25 से 30 कुंतल प्रति हेक्टेयर है। बताया कि चना की प्रजाति पूसा 362 का उत्पादन 140 से 145 दिनों के बीच 22 से 25 कुंतल प्रति हेक्टेयर है। जो विभिन्न प्रकार के रोग अवरोधी है।

कहा कि जिले के दरियापुर, रामगढ़, सुल्तानपुर, उसरी, विजयनारायनपुर, करेमुआ के किसानों को बीज वितरण के चयनित किया गया था। इस दौरान डा.रितेश गंगवार, डा. कृष्ण मुरारी पांडेय उपस्थित रहे।

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