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जमीन विवाद को लेकर दो दवा विक्रेताओं में मारपीट, करानी पड़ी मौके पर फोर्स की तैनाती

यह जमीन स्व० रामा पाण्डेय  के पुत्र  बद्री पाण्डेय व केदार पाण्डेय से  नवनीत सिंह ने कराई थी रजिस्ट्री,  जिस पर भौतिक कब्जा लेने के लिए सूरज सिंह द्वारा यह दुकान रखी गई थी, उसी में मारपीट हुई।
 

सूरज सिंह ने सदर कोतवाल पर लगाया रिश्वतखोरी का आरोप

पैसा लेकर दुकान को हटवाने की हुई कार्रवाई

मौके पर रात में भी पीएसी रही तैनात

चंदौली जिले के  जिला मुख्यालय पर जमीन विवाद में पुलिस  बुधवार से रात भर परेशान रही। मौके पर पुलिस अधीक्षक के निर्देश पर पीएसी तैनात कर मामले को शांत किया गया है।

बता दें कि जिला अस्पताल के बगल में श्रेया मेडिकल स्टोर के संचालक नवनीत सिंह एवं  स्व० रामा पाण्डेय के पुत्र  राकेश पाण्डेय के बीच  जमीन विवाद के मामले में उस समय विवाद उत्पन्न हो गया जब अपनी रजिस्ट्री कराई हुई जमीन पर  श्रेया मेडिकल स्टोर के संचालक द्वारा एक बड़ी सी दुकान लाकर रख दी गई।

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जैसे ही इस मामले की जानकारी सदर पुलिस को हुई तो आनन फानन में रातोंरात पुलिस भी उस दुकान को हाइड्रा से वहां से हटकर जिला अस्पताल की गेट के पास रखते हुए मामले को शांत कराने की कोशिश की, लेकिन जब यह मेडिकल स्टोर वहां रखा जा रहा था तभी राकेश पांडेय व नवनीत सिंह के साथ  सूरज सिंह मौके पर मौजूद थे और दोनों पक्षों में कहासुनी के बाद मारपीट भी होने लगी।

इस मामले में राकेश पांडेय का आरोप है कि सूरज सिंह द्वारा हमें मारने-पीटने के साथ-साथ असलहे से कान पर हमला किया गया, जिसमें वे जख्मी हो गये हैं।

वहीं यह भी बताया जा रहा है कि यह जमीन राकेश पांडेय  के भाइयो  से नवनीत सिंह द्वारा खरीदी गई थी,  जिस पर भौतिक कब्जा लेने के लिए सूरज सिंह द्वारा यह दुकान रखी गई थी। उसी में मारपीट हुई।

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जब इसकी सूचना जब पुलिस को हुई तो पुलिस द्वारा मौके पर पहुंच कर पहले तो दुकान हटाने तथा वहां शांति व्यवस्था बनाए रखने पीएसी तैनात कर दी गई।
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वहीं इस संबंध में सूरज सिंह का कहना है कि हमारी दुकान पहले से यहां संचालित थी और जब हमने जमीन की रजिस्ट्री ली है तो दुकान रखना अनलीगल कहां से हो जाता है। उनकी दुकान को पुलिस द्वारा जबरदस्ती हटाया गया है और पुलिस ने पैसे के बल पर यह कार्य किया है, क्योंकि पुलिस अगर पैसा नहीं ली होती तो किसके आदेश पर यह दुकान  को  हटाने का कार्य किया गया है, यह जरूर बताती।

न्यायालय के आदेश पर जब जमीन कुर्क की गई थी तो उसका पुलिस द्वारा कंप्लायंस नहीं कराया गया था और जब मैं अपनी दुकान रखी तो उसे पुलिस विपक्षी से मिलकर रातों-रात हटा दिया। जिसका नजारा आप खुद ही देख सकते है। यही मारपीट और अशांति फैलने का असली कारण है।

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वही इस संबंध में  सदर कोतवाली प्रभारी का कहना है कि मारपीट व जमीन का विवाद है। मामले की जांच कर विधिक कार्यवाही की जा रही है। फिलहाल फोर्स लगाकर मौके पर शांति व्यवस्था बनायी जा रही है।

अब देखना है कि इस मामले में पुलिस द्वारा किस प्रकार की कार्यवाही की जाती है या मामले को लीपापोती कर ऐसे ही लटका दिया जाता है। इस घटना में देर रात तक मुकदमा नहीं दर्ज किया गया था और ना ही किसी प्रकार की कोई कानूनी कार्यवाही की गई थी। केवल मौके पर पीएसी व पुलिस फोर्स तैनात की गई है।

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