शासन-प्रशासन की बंदरघुड़की से नहीं डर रहे लेखपाल, जारी है विरोध प्रदर्शन
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चंदौली जिले में शासन-प्रशासन की सख्ती का असर लेखपालों पर नहीं पड़ रहा। आठ सूत्रीय मांगों को लेकर लेखपालों का धरना पांचवें दिन शुक्रवार को भी मुख्यालय के बिछियां स्थित धरनास्थल पर जारी रहा। शासन-प्रशासन के खिलाफ जमकर नारेबाजी की। मांग पूरी होने तक आंदोलन जारी रखने की घोषणा की।
धरनारत लेखपालों का कहना रहा कि एसीपी विसंगति, वेतन उच्चीकरण, प्रोन्नति, पेंशन विसंगति, भत्ता, लेखपाल का पदनाम परिवर्तन, राजस्व उपनिरीक्षक सेवा नियमावली में बदलाव, पीएम किसान सम्मान निधि योजना के क्रियान्वयन को 18 हजार रुपये अतिरिक्त भुगतान की मांग को लेकर आंदोलन किया जा रहा है।
लेकिन सरकार पर मांगों का कोई असर नहीं हो रहा। शासन-प्रशासन समस्या को लेकर संवेदनहीन बना हुआ है। इससे असंतोष गहराता जा रहा। आंदोलनरत लेखपालों के खिलाफ कार्रवाई की जा रही है। तहसील प्रशासन की ओर से आधा दर्जन से अधिक लेखपालों के खिलाफ निलंबन की कार्रवाई की जा चुकी है। यह उचित नहीं है।
जिला प्रशासन लेखपालों का उत्पीड़न कर रहा है। लेकिन कार्रवाई के भय से आंदोलन नहीं रुकेगा। मांग पूरी होने तक कार्य बहिष्कार और धरना-प्रदर्शन जारी रहेगा। वीरेंद्र कुमार यादव, रामकेश यादव, सूर्यप्रकाश, संदीप मौर्या, बेचूलाल, वरूण कुमार, दिलीप कुमार गोंड मौजूद थे।
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