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चंदौली में अबकी बार आम की अच्छी पैदावार का अनुमान, टूटेगा पिछले सालों का रिकॉर्ड ​​​​​​​

चंदौली जिले में इस साल आम की पैदावार पिछले कुछ सालों से अधिक होने की संभावना है। उद्यान विभाग के अनुमान के अनुसार पिछले साल की अपेक्षा इस साल एक हजार मीट्रिक टन ज्यादा आम पैदा हो सकता है ।
 

धान के कटोरे में आम की पैदावार

 इस साल एक हजार मीट्रिक टन ज्यादा आम होगा पैदा

किसानों के चेहरे पर दिखायी दे रही रौनक 

 

चंदौली जिले में इस साल आम की पैदावार पिछले कुछ सालों से अधिक होने की संभावना है। उद्यान विभाग के अनुमान के अनुसार पिछले साल की अपेक्षा इस साल एक हजार मीट्रिक टन ज्यादा आम पैदा हो सकता है । पिछले वर्ष लगभग पांच हजार मीट्रिक टन आम हुआ था। तमाम किसान इस बार किराये पर आम के पेड़ लेकर उसकी हिफाजत करने का काम शुरू कर दिया है। कई लोग आम के पेड़ मंजरियों को देखकर अच्छी पैदावार की उम्मीद कर रहे हैं। 

चंदौली जिले के गांवों व सीवान में स्थित आम के बगीचों में बौर आने लगे हैं। इससे जहां आम के पेड़ निखरे दिख रहे हैं वहीं आसपास का वातावरण भी बेहद मनमोहक हो गया है। इस बार आम के पेड़ों पर भारी मात्रा में आए बौर को देखकर किसानों के चेहरे पर रौनक दिखायी दे रही है। वहीं बागवानी प्रेमी व आम के शौकीन भी काफी खुश हैं।

इलाके के अधिकांश बागों में आम के पेड़ बौर के गुच्छे से लदे हैं। बीते कुछ वर्षों में आम अच्छे नहीं फले थे। जिससे नुकसान हुआ था । जिन पेड़ों पर बौर या फल आए थे वे प्रतिकूल मौसम के कारण खराब हो गए। इस बार बागों में बौर अच्छे फल होने के संकेत दे रहे हैं। 

फलों के कारोबारियों  का कहना है कि इस बार आम के फल की अच्छी पैदावार हो सकती है। बारिश के बाद मंजरी (बौर) में लगने वाले कीट पंतगों से भी हद तक छुटकारा मिल गया है।

आम की अच्छी पैदावार

कई फल के कारोबारी किसानों से पेड़ों व बागों को किराये पर लेकर आम के बाग से अच्छी कमाई की उम्मीद लगाए हुए हैं। बौर आने से पहले ही वह बाग मालिकों से मिलकर सौदा तय कर लेते हैं और फलों की बिक्री के बाद उन्हें भुगतान करते हैं। दवाओं का छिड़काव के साथ बाग में नमी बनाए रखना और रखवाली सब इन्हीं के जिम्मे रहता है। इस बार आम के पेड़ बौर से लद गए हैं जिससे कारोबार करने वालों को उम्मीद है कि इस बार बेहतर मुनाफा प्राप्त करेंगे।

इस  बारे में चंदौली जिले के जिला उद्यान अधिकारी शीतला प्रसाद वर्मा ने बताया कि हाल में हुई बारिश आम के मंजरी के लिए लाभदायक सिद्ध हुए हैं। मंजरी में फल लगने के बाद सल्फर का छिड़काव कराने से उत्पाद बेहतर होगा। जनपद में 351 हेक्टेयर आम के बाग हैं। 2023 मे पांच हजार मीट्रिक टन आम हुआ था। अबकी बार अगर मौसम ने साथ दिया तो लगभग छः हजार मीट्रिक टन से अधिक फल हो सकते हैं।

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