निःसंतान दंपतियों के लिए कैंप : इंदिरा IVF से ले सकते हैं मातृत्व का लाभ, आप भी विशेष ऑफर का उठाएं लाभ

दो दर्जन नि: संतान दंपत्तियों कैंप ने का उठाया कैंप का लाभ
निःसंतान दंपतियों के लिए विशेष कैंप के आयोजन का दिखा असर
इंदिरा आईवीएफ से चंदौली के लोगों में जगी संतान सुख की आस
चंदौली जिले के जिला मुख्यालय स्थित सैम अस्पताल में गुरुवार को निःसंतान दंपतियों के लिए एक विशेष स्वास्थ्य कैंप का आयोजन किया गया। इस कैंप में इंदिरा आईवीएफ के सहयोग से बांझपन की समस्या से जूझ रहे दंपतियों को मातृत्व का लाभ देने हेतु विशेष छूट और सुविधाएं प्रदान की गईं थी। जिले में इस प्रकार का यह पहला शिविर रहा, जिसमें दो दर्जन से अधिक दंपतियों ने भाग लेकर नि:शुल्क परामर्श और चिकित्सकीय जांच का लाभ उठाया।

इस विशेष शिविर का आयोजन जिला मुख्यालय के वार्ड नंबर 14, गांधीनगर स्थित सैम अस्पताल में किया गया था। शिविर में इंदिरा आईवीएफ सेंटर के अनुभवी विशेषज्ञों की टीम द्वारा दंपतियों की विभिन्न समस्याओं की पहचान कर उन्हें संतान सुख प्राप्ति हेतु मार्गदर्शन दिया गया। विशेष छूट के अंतर्गत उन दंपतियों को प्राथमिकता दी गई जो वर्षों से संतान प्राप्ति के लिए संघर्ष कर रहे हैं।

आईवीएफ के माध्यम से संतान प्राप्ति की संभावना
इंदिरा आईवीएफ की टीम ने बताया कि यह केंद्र लेवल-2 श्रेणी का है, जहां उच्च तकनीकी सुविधाओं के साथ इनफर्टिलिटी की समस्या का समाधान किया जाता है। जिन दंपतियों में शुक्राणु की कमी है, या शुक्राणु बनना बंद हो गया है, नसबंदी हो चुकी है, मासिक धर्म अनियमित हैं, अथवा गर्भाशय की नली बंद है — उन सभी के लिए यह केंद्र एक आशा की किरण बन सकता है। डॉक्टर अज्मे जेहरा के अनुसार, ऐसे मामलों में आईवीएफ तकनीक अत्यंत प्रभावी साबित होती है और संतान प्राप्ति की संभावना को कई गुना बढ़ा देती है।
बिहार और पूर्वी उत्तर प्रदेश के दंपतियों को मिलेगा लाभ
इस शिविर की खास बात यह रही कि इसका लाभ न केवल चंदौली जनपद के लोगों को, बल्कि बिहार के पश्चिमी क्षेत्र और आसपास के जिलों से आए दंपतियों को भी मिला। सैम अस्पताल के संचालक डॉक्टर सीजी इमाम ने बताया कि यह केंद्र विशेष तौर पर आर्थिक रूप से कमजोर परिवारों को ध्यान में रखते हुए स्थापित किया गया है। यहां इलाज की लागत अन्य आईवीएफ केंद्रों की तुलना में लगभग एक लाख रुपए कम होगी, जिससे यह सुविधा अधिक लोगों की पहुंच में आ सकेगी।
डॉ. इमाम ने आगे बताया कि यह पहल न केवल चिकित्सा सेवा का विस्तार है, बल्कि यह उन हजारों दंपतियों के लिए उम्मीद की किरण है, जो संतान प्राप्ति के लिए प्रयासरत हैं। इंदिरा आईवीएफ के विशेषज्ञों की टीम अब नियमित रूप से इस केंद्र में अपनी सेवाएं देगी, जिससे चंदौली और आस-पास के क्षेत्रों में रह रहे दंपतियों को बाहर बड़े शहरों की दौड़ नहीं लगानी पड़ेगी।
बेहतर सुविधा और सस्ता इलाज
डॉ. अज्मे जेहरा ने बताया कि सैम अस्पताल में जो नया इंदिरा आईवीएफ केंद्र शुरू हुआ है, वह तकनीकी रूप से उन्नत है और यहां विश्वस्तरीय सुविधाएं प्रदान की जा रही हैं। यह केंद्र आने वाले समय में पूर्वांचल का प्रमुख आईवीएफ केंद्र बन सकता है। मरीजों को समय पर परामर्श, जांच, इलाज और फॉलोअप जैसी सभी सुविधाएं एक ही छत के नीचे मिलेंगी।
शिविर में भाग लेने वाले कई दंपतियों ने इस पहल की सराहना की और बताया कि अब उन्हें दिल्ली, वाराणसी या पटना जैसे बड़े शहरों की ओर नहीं भागना पड़ेगा। एक स्थानीय दंपति ने कहा, “हमें खुशी है कि अब हमारे जिले में ही ऐसी सुविधा उपलब्ध हो गई है। यह हमारे जैसे मध्यम वर्गीय परिवारों के लिए बहुत बड़ी राहत है।”
अंत में, सैम अस्पताल के प्रबंधन की ओर से यह जानकारी दी गई कि ऐसे शिविर समय-समय पर आयोजित किए जाते रहेंगे ताकि अधिक से अधिक दंपतियों को लाभ मिल सके। इंदिरा आईवीएफ की टीम इस मिशन को आगे बढ़ाने के लिए पूरी तरह प्रतिबद्ध है।
यह विशेष शिविर निःसंतान दंपतियों के लिए एक नई शुरुआत की ओर कदम था। चंदौली जिले में इस प्रकार के प्रयास निश्चित रूप से समाज में सकारात्मक बदलाव लाएंगे और मातृत्व एवं पितृत्व के सुख से वंचित दंपतियों को नई राह दिखाएंगे।
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