क्या दूध, खोआ और पनीर के व्यापारियों के लिए आएगा कोई आदेश…!
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चंदौली जिले में लॉकडाउन में अन्य कारोबार के साथ-साथ दूध, पनीर और खोवा व्यापारियों के सामने रोजी रोटी का संकट आने लगा है। कहा जा रहा है कि लॉकडाउन ने उन्हें आर्थिक रूप से तोड़ दिया है।
ऐसी शिकायत भी की जा रही है कि कुछ बड़ी डेयरी कंपनियों द्वारा मनमाने रेट में दूध खरीदने के लिये दबाव डाला जा रहा है। कारोबारियों ने तय मानक का पालन करते हुए दूध व्यवसाय को शुरू कराने की मांग की है।
दूध कारोबारियों ने कहा कि जिले से 10 हजार लीटर से लेकर 20 हजार लीटर से अधिक दूध वाराणसी और मुगलसराय की मंडी को हर दिन जाता है, लेकिन लॉकडाउन के कारण कारोबार ठप है।
गाय और भैंस पालकर व दूध को बेंचकर अपना जीवन यापन करने वाले लोगों का कहना है कि लॉकडाउन के कारण प्रतिदिन हजारों का नुकसान हो रहा है। इससे पशुपालक भी आर्थिक रूप से परेशान हैं।
लोगों का कहना है कि ऐसे में जिला प्रशासन सब्जी और किराना की तरह एक निर्धारित रेट तय कर व्यवसाय को चालू कराए ताकि दूध, पनीर और खोवा व्यापारियों का संकट समाप्त हो।
जिलाधिकारी को चाहिए कि सभी उपजिलाधिकारियों से दूधियों की समस्या का समाधान करने का प्रयास करना चाहिए व नगरों और महानगरों में जाने वाले दूध के लिए कोई रणनीति बनानी चाहिए।
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