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नेगुरा गांव में दो समुदायों के बीच तनाव के बाद राजनीतिक हलचल तेज, जारी है दलों के नेताओं की पैरवी

छेड़खानी की घटनाएं रुकने के बजाय बढ़ती गईं, जिससे लोगों में आक्रोश गहराता गया और अंततः यह विवाद हिंसक झड़प और हत्या का रूप ले बैठा।
 

भाजपा विधायक सुशील सिंह ने पहुंचकर देखा घटनास्थल

जानी ग्रामीणों की पीड़ा और झगड़े की असली वजह

घटना के बाद नेगुरा में पसरा हुआ है सन्नाटा, राजनीतिक दल कर रहे हैं अपने हिसाब से बयानबाजी

चंदौली जिले के ग्रामसभा नेगुरा में 26 अप्रैल को दो समुदायों के बीच छेड़खानी के विवाद से शुरू हुआ तनाव एक खूनी संघर्ष में बदल गया, जिसमें एक व्यक्ति की जान चली गई। यह घटना तब भड़की जब एक समुदाय की लड़कियों पर फब्तियां कसने का आरोप लगाकर एक पक्ष ने पुलिस को प्रार्थना पत्र दिया।

हालांकि पुलिस ने इस मामले में उचित कार्रवाई करने के बजाय दोनों पक्षों के छह लोगों के बीच सुलह-समझौता करवा दिया। लेकिन आरोप है कि छेड़खानी की घटनाएं रुकने के बजाय बढ़ती गईं, जिससे लोगों में आक्रोश गहराता गया और अंततः यह विवाद हिंसक झड़प और हत्या का रूप ले बैठा।

mla sushil singh

घटना के बाद राजनीतिक सरगर्मियां तेज हो गई हैं। समाजवादी पार्टी और कांग्रेस ने इस मामले पर बयानबाजी शुरू कर दी है। चार दिन बाद, पुलिस के लापरवाह रवैये और स्थानीय इंस्पेक्टर की भूमिका पर सवाल उठने लगे।

भाजपा विधायक  सुशील सिंह ने किया घटनास्थल का दौरा

शनिवार को सैयदराजा के भाजपा विधायक सुशील सिंह अन्य नेताओं के साथ घटनास्थल पर पहुंचे। उन्होंने ग्रामीणों से बातचीत कर मामले की जानकारी ली। ग्रामीणों ने बताया कि पुलिस ने उनकी शिकायतों को गंभीरता से नहीं लिया और न ही समय रहते कोई सख्त कदम उठाया।

विधायक ने मौके पर देखा कि विवाद की जड़ में मंदिर परिसर का विवाद भी है। उन्होंने जिला प्रशासन से मंदिर की भूमि की नाप-जोख कराने, बाउंड्री वॉल निर्माण तथा मंदिर के जीर्णोद्धार का आश्वासन दिया।

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 मौके पर ग्रामीणों ने लाउडस्पीकर के गलत इस्तेमाल की शिकायत भी की, जिस पर विधायक ने प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि "यदि दूसरे पक्ष को लाउडस्पीकर की छूट है, तो मंदिर पर भी लाउडस्पीकर लगाकर जवाब दिया जाएगा।"

सुशील सिंह विधायक ने कहा कि प्रशासन की कार्यशैली पर सवाल खड़े किए हैं, वहीं अब राजनीतिक हस्तक्षेप और धार्मिक स्थल से जुड़ा विवाद भी मामले को जटिल बना रहा है। स्थिति को नियंत्रित करने के लिए निष्पक्ष जांच और उचित कार्रवाई की आवश्यकता है।

इस दौरान विधायक के साथ मौजूद प्रमुख नेता रहे अजय सिंह (प्रमुख, धानापुर), महेंद्र सिंह (प्रमुख प्रतिनिधि, बरहनी), अवधेश सिंह (प्रमुख, सकलडीहा), रमेश राय, मृत्युंजय सिंह, दीपूबाड़ू जायसवाल (चेयरमैन प्रतिनिधि, सैयदराजा),
वीरेंद्र जायसवाल (पूर्व चेयरमैन, सैयदराजा), विपिन राय (मंडल अध्यक्ष), संतोष सिंह (पूर्व मंडल अध्यक्ष), अनुज सिंह आदि उपस्थित रहें।

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