देश भर में दिखा मोहर्रम का चांद, आज से मजलिसों व मातम का दौर जनपद में जारी
हिजरी सन 1444 का नया साल शुरू
आज से मजलिसों और मातम का दौर शुरू
मायल चंदौलवी बोले-17 जुलाई को मनाया जाएगा मोहर्रम
चन्दौली जिले में मोहर्रम का चांद रविवार की की शाम को नजर आते ही मोहर्रम की पहली तारीख से शहर व गांव में जगह-जगह गम-ए-हुसैन मनाने को मजलिसों और मातम का दौर शुरू हो गया। जबकि 17 जुलाई को जिले भर में मोहर्रम मनाए जाएंगे। मोहर्रम के इस महीने को मुस्लिम समुदाय के लोग उर्दू की पहली तारीख को नए साल के रूप में मानते हैं।
आपको बता दें कि रसूल के नवासे इमाम हुसैन और उनके 72 शैदाइयों की शहादत का गम मनाने का दौर चलता है। कर्बला की जंग मानव इतिहास की ऐसी पहली जंग है, जिसमें जीतने वाले यजीद का नाम लेवा न रहा, वहीं इस जंग में शहीद इमाम हुसैन को पूरी दुनिया साल-दर-साल अकीदत के साथ याद करती है। इस जंग ने संदेश दिया कि जुल्म के खिलाफ खड़े होने वाले मर कर भी अमर हो जाते हैं। इसी क्रम पहली से दस मोहर्रम तक शहर व गांव में विभिन्न इमाम बारगाहों, दरगाहों और कर्बला में मजलिसों की हलचल रहती है। वहीं शहर के विभिन्न मोहल्लों में ताजियों और अलम के जुलूस निकाले जाते हैं। दस दिनों तक शहर व गांव में मजलिसों का दौर चलेगा।नौ मुहर्रम को कुरान ख्वानी का सिलसिला जारी रहेगा। इमाम चौक पर पूरी रात फतिहा और नजर नियाज का सिलसिला चलेगा। जबकि पूरे देश व चंदौली जनपद में 17 जुलाई को मोहर्रम मनाए जाएंगे।
इस संबंध में मायल चंदौलवी मोहसिन रजा ने बताया कि मोहर्रम का चांद रविवार को दिखाई देने के साथ ही हिजरी सन 1444 का नया साल शुरू हो गया है। 17 जुलाई को जिले भर में मोहर्रम मनाए जाएंगे। उन्होंने कहा कि मोहर्रम का महीना इस्लामी साल का पहला महीना है।
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