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LBS के बच्चों ने माता दुर्गा के नौ रूपों का किया मंचन, जाना विजयादशमी का महत्व

महाभारत काल में पाण्डवों ने श्रीकृष्णजी के परामर्श पर शारदीय नवरात्रि की पावन बेला पर माँ दुर्गा महाशक्ति की उपासना विजय के लिये की थी। यह नवरात्रि इन्हीं कारणों से बड़ी नवरात्रि, महत्त्वपूर्ण एवं वार्षिकी नवरात्रि के रूप में मनायी जाती है।
 

साज सज्जा के साथ माता दुर्गा के 9 रूपों का सचित्र वर्णन

प्रधानाचार्या श्रीमती सारिका सिंह ने बतायी विजयादशमी की महत्ता

दशहरा व नवरात्रि के संबंध में दी विस्तार से जानकारी

चंदौली नगर पंचायत की भैरवनाथ कॉलोनी वार्ड नंबर 5 एलबीएस इंटरनेशनल स्कूल में बच्चों द्वारा शारदीय नवरात्रि के अवसर पर माता दुर्गा के 9 रूपों का सचित्र वर्णन किया गया। इस दौरान बच्चों का यह मंचन दृश्य देखकर शिक्षक सहित अभिभावक  प्रफुल्लित हो उठे।

इस मौके पर स्कूल की प्रधानाचार्या श्रीमती सारिका सिंह ने बताया कि शारदीय नवरात्रि का व्रत श्रीरामचन्द्र जी ने रावण पर विजय प्राप्त करने के लिए किया था। उन्होंने पूर्ण विधि-विधान से महाशक्ति की पूजा उपासना की थी। महाभारत काल में पाण्डवों ने श्रीकृष्णजी के परामर्श पर शारदीय नवरात्रि की पावन बेला पर माँ दुर्गा महाशक्ति की उपासना विजय के लिये की थी। यह नवरात्रि इन्हीं कारणों से बड़ी नवरात्रि, महत्त्वपूर्ण एवं वार्षिकी नवरात्रि के रूप में मनायी जाती है।

LBS International School

इसके साथ ही आगे जानकारी देते हुए कहा कि नवमी के उपरांत असत्य पर सत्य कि जीत के उपलक्ष्य में विजयादशमी मनाई जाती है, जो अश्विन (क्वार) मास के शुक्ल पक्ष की दशमी तिथि के दिन मनायी जाती है। भगवान राम ने इसी दिन रावण का वध किया था तथा देवी दुर्गा ने नौ रात्रि एवं दस दिन के युद्ध के उपरान्त महिषासुर पर विजय प्राप्त की थी। इसे असत्य पर सत्य की विजय के रूप में मनाया जाता है। इसीलिये इस दशमी को 'विजयादशमी' के नाम से जाना जाता है।

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