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आवारा जानवरों से ही नहीं नीलगाय से भी परेशान हैं चंदौली के किसान

इलाके के किसानों ने अधिकारियों से नीलगाय की समस्या और उनके आतंक से मुक्ति दिलाने की मांग की है।
 

इन इलाकों में है नीलगायों का आंतक

तैयार फसल को बर्बाद कर रहा है नीलगायों का झुंड

अधिकारी व राजनेताओं को निकालना चाहिए इसका हल

चंदौली जिले के गंगा के तटवर्ती इलाकों में नीलगाय के प्रकोप से खेतीबारी करने वाले किसान परेशान हैं। जैसे ही फसल खाद,पानी और बीज की समस्या से जूझकर आगे की ओर बढ़ रही है, उसे नीलगाय का झुंड आकर बर्बाद कर दे रहा है। गंगा के तटवर्ती इलाकों के कई गांवों के किसान नील गायों के इस समस्या से काफी परेशान हैं और कई बार शासन प्रशासन से इसकी समस्या से मदद की गुहार लगा चुके हैं, लेकिन प्रशासन के पास इसका कोई उपचार नहीं दिखाई दे रहा है।

 जानकारों के अनुसार गंगा के किनारे बसे रौना, कैली, भूपौली, कुरहना, डेरवा कला के साथ-साथ तारापुर, महादेवपुर, टडिया, बसनी, चंदौली खुर्द, रामपुर सहित कई गांव ऐसे हैं, जहां पर पहले केवल छुट्टा जानवरों की समस्या थी, लेकिन अब अधिक संख्या में नीलगाय का झुंड किसानों के खेतों में पहुंचकर फसलों को बर्बाद कर रहा है। इलाके के किसानों ने अधिकारियों से नीलगाय की समस्या और उनके आतंक से मुक्ति दिलाने की मांग की है।

 क्षेत्र के किसानों में लालब्रत यादव, केदार यादव, श्रवण कुमार, रवि कुमार, उदय भान सिंह इत्यादि ने स्थानीय राजनेताओं और अधिकारियों से इस बात की अपील की है कि नील गायों की समस्या के लिए वन विभाग और कृषि विभाग के अधिकारियों के साथ मिल बैठकर कोई योजना बनाई जानी चाहिए। आखिर किसानों की फसलों को यह जानवर कब तक बर्बाद करते रहेंगे।
 

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