डेंगू, मलेरिया आदि मच्छरजनित रोगों के लक्षणों से रहें सतर्क, करें बचाव
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चंदौली जिले में मच्छर जनित एवं संचारी रोगों के प्रति जागरूक करने के लिए संचारी रोग नियंत्रण अभियान विगत 1 जुलाई से चलाया जा रहा है। वहीं आज से दस्तक अभियान की भी शुरुआत की गयी है।
इस दौरान आशा कार्यकर्ता घर-घर जाकर बिना कुंडी खटखटाये और बिना कुछ छूए तथा सोशल डिस्टेन्सिंग का पालन करते हुये लोगों को संचारी रोगों के प्रति लोगों को जागरूक कर रहीं हैं। संचारी रोगों में मलेरिया, मस्तिष्क ज्वर, फाइलेरिया के साथ ही डेंगू भी है। यह सभी रोग किसी न किसी माध्यम से फैलते हैं। बरसात में पानी इकट्ठा हो जाने से उसमें मच्छरों के लार्वा पनपने लगता है जिससे यह बीमारियाँ बढ़ने लगती हैं।
जिला मलेरिया अधिकारी जेपी सोनकर ने बताया कि कोरोना वायरस (कोविड-19) के समय त्वचा पर चकत्ते पड़ रहे हों, तेज सिरदर्द, पीठदर्द और आंखों में दर्द हो, तेज बुखार हो, मसूढ़े व नाक से खून बह रहा हो आदि लक्षणों के प्रति लापरवाही भारी पड़ सकती है, क्योंकि इससे प्लेटलेट्स घटने लगती हैं। आंतरिक रक्तस्राव हो सकता है और मृत्यु हो सकती है। इसलिए उन्होंने ऐसे लक्षण दिखने पर तुरंत नजदीक के किसी स्वास्थ्य केन्द्र पर दिखाने की सलाह दी है। उन्होने बताया कि तो इन सभी डेंगू के लक्षणों हल्के में न लें। तुरंत नजदीकी स्वास्थ्य केंद्र जाकर अपनी जांच कराकर जल्द से जल्द इलाज कराएं।
जिला मलेरिया अधिकारी ने बताया कि ‘हर रविवार मच्छरों पर वार’ के तहत मच्छरों के लार्वा को समाप्त करने के लिए कूलर में ज्यादा समय से एकत्रित पानी, घर की छत पर लंबे समय तक एकत्र रहने वाला पानी तथा टूटे-फूटे पड़े प्लास्टिक के बर्तनों में इकट्ठा पानी का बार-बार निस्तारण करते रहें। पानी इकट्ठा रहने वाले स्थान पर सप्ताह में एक बार जले मोबिल का छिड़काव अवश्य ही करते रहें। सोते समय मच्छरदानी का प्रयोग करें। पूरे बाजू के कपड़े पहनें।
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