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क्यों नहीं मिल पा रही है डिजिटल लाइब्रेरी के लिए जमीन, जाने क्यों नहीं हो पा रहा है इसको लेकर फैसला

चंदौली जिले में डिजिटल लाइब्रेरी बनने के लिए माध्यमिक शिक्षा विभाग को जमीन नहीं मिल पा रही है। इससे ई-लाइब्रेरी की योजना अधर में लटकी हुई है।
 

जमीन नहीं मिलने के कारण डिजिटल लाइब्रेरी बनाने की योजना अधर में लटकी

न जाने कब मिलेगी जमीन और कब पूरा होगा डिजिटल लाइब्रेरी बनाने का सपना

कब मिलेगा डिजिटल लाइब्रेरी की सुविधा का छात्राओं को लाभ

चंदौली जिले में डिजिटल लाइब्रेरी बनने के लिए माध्यमिक शिक्षा विभाग को जमीन नहीं मिल पा रही है। इससे ई-लाइब्रेरी की योजना अधर में लटकी हुई है। यही कारण है कि एक करोड़ की लागत से बनने वाली लाइब्रेरी के लिए शासन से धनराशि भी अवमुक्त नहीं हो पायी है। 

आपको बता दें कि सरकार की प्रत्येक जिला मुख्यायल पर डिजिटल लाइब्रेरी बनाने की योजना है। ई-लाइब्रेरी में विदेशी पुस्तकों के साथ ही आईएएस, पीसीएस सहित अन्य प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी करने के लिए अच्छी किताबों को उपलब्ध कराने का भी फरमान है। ताकि युवा वर्ग को प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी करने में सहुलियत हो सके। साथ ही आईएएस, पीसीएस सहित अन्य उच्च पदों पर आसीन होकर देश की सेवा में योगदान दे सकें। फिलहाल जिले में जमीन के अभाव में लाइब्रेरी नहीं बन पायी है। इससे छात्रों को इधर उधर भटकना पड़ता है। फिलहाल माध्यमिक शिक्षा विभाग जिला मुख्यालय पर एक हजार वर्ग मीटर जमीन की तलाश में जुटा हुआ है।

जानकारी के अनुसार माध्यमिक शिक्षा विभाग की ओर से सकलडीहा रोड स्थित डाक बंगला के पास जमीन देखी गई। लेकिन उपयुक्त न होने से कलक्ट्रेट के आसपास जमीन तलाश की गई। लेकिन जमीन उपलब्ध नहीं करायी गई। जबकि भूमि मिलने के बाद शासन को धनराशि के लिए प्रस्ताव भेजा जाना था।


इस संबंध में डीआईओएस चंदौली डीएस यादव ने बताया कि शासन से जिला मुख्यालय पर ई- लाइब्रेरी बनाए जाने का निर्देश है। इसके लिए कई जगह जमीन देखी गई है। जमीन मुहैया होने के बाद शासन को प्रस्ताव भेजा जाएगा। धनराशि मिलने के बाद डिजिटल लाइब्रेरी का निर्माण कार्य भी शुरू करा दिया जाएगा। राजकीय पुस्तकालय के लिए मुख्यालय पर जमीन तलाश की जा रही है। जमीन मिलने पर कार्यदायी संस्था कार्य भी शुरू करा देगी।

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