लाल बहादुर शास्त्री स्नातकोत्तर महाविद्यालय में पर्यावरण संरक्षण की दिलाई गई शपथ

छात्र-छात्राओं को प्रकृति के प्रति जिम्मेदारी निभाने का संकल्प
विश्व पर्यावरण दिवस की श्रृंखला में आयोजन
राष्ट्रीय सेवा योजना इकाई ने किया आयोजन
चंदौली जिले में विश्व पर्यावरण दिवस के अवसर पर लाल बहादुर शास्त्री स्नातकोत्तर महाविद्यालय, चंदौली की राष्ट्रीय सेवा योजना (NSS) इकाई द्वारा पंडित पारसनाथ तिवारी नवीन परिसर में एक विशेष कार्यक्रम का आयोजन किया गया। इस कार्यक्रम के तहत महाविद्यालय के छात्र-छात्राओं को पर्यावरण संरक्षण की शपथ दिलाई गई, जिसमें उन्होंने अपने दैनिक जीवन में पर्यावरण के अनुकूल व्यवहार अपनाने और दूसरों को इसके लिए प्रेरित करने का संकल्प लिया।

शपथ के माध्यम से विद्यार्थियों ने प्रतिज्ञा की –
"मैं प्रतिज्ञा करता/करती हूँ कि मैं पर्यावरण को बचाने के लिये अपने दैनिक जीवन में हर संभव बदलाव लाऊँगा/लाऊँगी। मैं यह भी वचन देता/देती हूँ कि मैं अपने परिवार, मित्रों और अन्य लोगों को पर्यावरण के अनुकूल आदतों व व्यवहारों के महत्त्व के विषय में सतत रूप से प्रेरित करूँगा/करूँगी।"

इस अवसर पर महाविद्यालय के प्रोफेसर संजय पाण्डेय ने कहा कि विश्व पर्यावरण दिवस केवल एक दिन नहीं, बल्कि हमें साल भर जागरूक रहने और कार्य करने की प्रेरणा देता है। यह दिन हमें याद दिलाता है कि हमारी पृथ्वी कितनी नाजुक है और हमें इसके लिए कितनी जिम्मेदारी से काम करना चाहिए। उन्होंने कहा कि प्रदूषण, जलवायु परिवर्तन और प्राकृतिक संसाधनों का अंधाधुंध दोहन, ये सभी मुद्दे आज मानवता के समक्ष गंभीर संकट बन चुके हैं। हमें अपने आस-पास के वातावरण को स्वच्छ रखने और टिकाऊ जीवन शैली को अपनाने के लिए छोटे-छोटे लेकिन प्रभावी कदम उठाने होंगे। जैसे– पेड़ लगाना, प्लास्टिक का कम उपयोग करना, जल संरक्षण और ऊर्जा की बचत।
प्रोफेसर अमित राय ने अपने संबोधन में कहा कि हमारा पर्यावरण, जिसमें हवा, पानी, मिट्टी, पेड़-पौधे और जीव-जंतु शामिल हैं, हमारे जीवन का आधार है। लेकिन आज यह मानवीय गतिविधियों के कारण गंभीर खतरों का सामना कर रहा है। उन्होंने बताया कि वनों की कटाई, औद्योगिक प्रदूषण, जलवायु परिवर्तन और जैव विविधता की हानि जैसे मुद्दे अब केवल वैज्ञानिक चर्चा नहीं, बल्कि आम नागरिक की चिंता बन चुके हैं। उन्होंने यह भी कहा कि हमें सामूहिक प्रयासों से जागरूकता बढ़ानी होगी और युवाओं को इस दिशा में नेतृत्व करना होगा।
प्रोफेसर इशरत ने प्लास्टिक प्रदूषण पर प्रकाश डालते हुए कहा कि प्लास्टिक से उत्पन्न कचरा न केवल हमारी मिट्टी और जल स्रोतों को प्रदूषित करता है, बल्कि जीव-जंतुओं के जीवन को भी संकट में डालता है। उन्होंने कहा कि हमें प्लास्टिक का उपयोग सीमित करना होगा और इसके लिए वैकल्पिक समाधान खोजने होंगे। आज आवश्यकता है कि हम सिंगल यूज़ प्लास्टिक का पूर्ण रूप से बहिष्कार करें और अपने दैनिक जीवन में पुन: उपयोग और पुनर्चक्रण (recycling) को अपनाएं।
कार्यक्रम के दौरान राष्ट्रीय सेवा योजना के वरिष्ठ कार्यक्रम अधिकारी डा. विजयलक्ष्मी और कार्यक्रम समन्वयक श्री संजय कुमार ने भी अपने विचार रखे। उन्होंने छात्रों से अपील की कि वे अपने समुदाय में जाकर पर्यावरण के प्रति जागरूकता फैलाएं और स्थानीय स्तर पर भी बदलाव लाने का प्रयास करें।
इस अवसर पर महाविद्यालय के अन्य शिक्षकगण – सुरेंद्र, सुनील, विनीत सहित दर्जनों छात्र-छात्राएं उपस्थित रहे। सभी ने कार्यक्रम में सक्रिय रूप से भाग लिया और पर्यावरण संरक्षण के प्रति अपनी प्रतिबद्धता जताई।
कार्यक्रम का उद्देश्य छात्रों को प्रकृति के प्रति संवेदनशील बनाना और उन्हें भविष्य के लिए तैयार करना था। यह आयोजन न केवल जानकारीवर्धक रहा, बल्कि छात्रों के मन में पर्यावरण के प्रति एक नई सोच और जागरूकता भी लेकर आया। NSS इकाई ने यह भी संकल्प लिया कि वर्ष भर विभिन्न गतिविधियों के माध्यम से पर्यावरण संरक्षण की दिशा में जागरूकता अभियान चलाया जाएगा।
इस तरह विश्व पर्यावरण दिवस पर आयोजित यह आयोजन छात्रों और शिक्षकों दोनों के लिए प्रेरणादायी सिद्ध हुआ, जिसने एक बार फिर यह स्पष्ट किया कि प्रकृति की रक्षा केवल सरकारी नीति नहीं, बल्कि हर नागरिक का कर्तव्य है।
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