जिले का पहला ऑनलाइन न्यूज़ पोर्टलMovie prime

कस्तूरबा गांधी विद्यालय की बालिकाएं बनेंगी राष्ट्रीय खिलाड़ी, "एक स्कूल - एक खेल" योजना से मिलेगा नया आयाम

विद्यालयों में खेल का चयन छात्राओं की रुचि और विद्यालय में उपलब्ध संसाधनों के आधार पर किया जाएगा। चयनित खेल में पारंगत महिला प्रशिक्षक की नियुक्ति की जाएगी।
 

जिले के नौ कस्तूरबा विद्यालयों में लागू की जाएगी योजना

स्कूलों में खेल समिति करेगी प्रशिक्षण और आयोजन का संचालन

प्रशिक्षण से निखरेगी प्रतिभा, खेलों में दिखेगा आत्मविश्वास

चंदौली जिले में बालिकाओं को खेल के क्षेत्र में सशक्त बनाने की दिशा में चंदौली जिले के कस्तूरबा गांधी आवासीय बालिका विद्यालयों (केजीबीवी) में 'एक स्कूल - एक खेल' योजना की शुरुआत की गई है। इस योजना के तहत प्रत्येक विद्यालय में एक खेल का चयन किया जाएगा, जिसमें छात्राओं को विशेष प्रशिक्षण देकर उन्हें जिला, मंडल और राज्य स्तर की प्रतियोगिताओं के लिए तैयार किया जाएगा। यह योजना न केवल छात्राओं के शारीरिक और मानसिक विकास में सहायक बनेगी, बल्कि उन्हें राष्ट्रीय स्तर तक पहचान दिलाने का माध्यम भी बनेगी।

खेल से शिक्षा का समन्वय

'एक स्कूल - एक खेल' योजना के अंतर्गत छात्राओं की पढ़ाई और खेल गतिविधियों के बीच संतुलन बनाए रखने पर विशेष ध्यान दिया जाएगा। पढ़ाई के पहले या बाद के समय में खेल प्रशिक्षण और प्रतियोगिताएं आयोजित की जाएंगी, ताकि छात्रों की शिक्षा प्रभावित न हो।

खेल समिति करेगी संचालन

प्रत्येक कस्तूरबा विद्यालय में एक पांच सदस्यीय खेल समिति का गठन किया गया है, जिसकी अध्यक्षता विद्यालय की वार्डन करेंगी। इसमें व्यायाम शिक्षिका या क्रीड़ा प्रभारी, दो अन्य शिक्षिकाएं और दो खिलाड़ी छात्राएं शामिल होंगी। यह समिति खेलों के संचालन, प्रशिक्षण और प्रतियोगिताओं की रूपरेखा तय करेगी।

खेल चयन और प्रशिक्षण की प्रक्रिया

विद्यालयों में खेल का चयन छात्राओं की रुचि और विद्यालय में उपलब्ध संसाधनों के आधार पर किया जाएगा। चयनित खेल में पारंगत महिला प्रशिक्षक की नियुक्ति की जाएगी, जो बालिकाओं को नियमित प्रशिक्षण प्रदान करेंगी। प्रशिक्षण की गुणवत्ता सुनिश्चित करने के लिए शासन स्तर से दिशा-निर्देश जारी किए गए हैं।

नौ केजीबीवी में लागू होगी योजना

जिले में संचालित नौ कस्तूरबा गांधी आवासीय बालिका विद्यालयों में लगभग 900 छात्राएं अध्ययनरत हैं। अब तक केवल कक्षा 6 से 8 तक की शिक्षा उपलब्ध थी, लेकिन अब छह विद्यालयों को उच्चीकृत कर कक्षा 9 से 12 तक की पढ़ाई की व्यवस्था की जा रही है। इसके साथ ही इन विद्यालयों में खेल गतिविधियों को भी प्राथमिकता दी जा रही है।

स्वास्थ्य और पोषण का होगा विशेष ध्यान
छात्राओं की शारीरिक फिटनेस के लिए समय-समय पर पोषण जागरूकता कार्यक्रम, स्वास्थ्य परीक्षण और संतुलित आहार की जानकारी भी दी जाएगी। प्रत्येक बालिका की ऊंचाई, वजन और ब्लड ग्रुप का रिकॉर्ड स्कूल में संरक्षित किया जाएगा। पास के सरकारी अस्पतालों के साथ समन्वय स्थापित कर मेडिकल कैंप का आयोजन भी होगा।

खेलों में दिखेगी आत्मनिर्भरता

इस योजना के तहत छात्राओं को खेल के माध्यम से आत्मनिर्भर और आत्मविश्वासी बनाया जाएगा। खेल में भाग लेने से जहां उनमें नेतृत्व क्षमता विकसित होगी, वहीं टीम भावना, अनुशासन और सहयोग जैसे गुण भी उभरकर सामने आएंगे।

पढ़ाई के साथ करियर भी सुनिश्चित
'एक स्कूल - एक खेल' योजना से छात्राओं को शिक्षा के साथ-साथ खेल के क्षेत्र में करियर बनाने का भी अवसर मिलेगा। जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी सचिन कुमार ने बताया कि शासन से प्राप्त निर्देश के अनुसार सभी विद्यालयों को खेल चयन और प्रशिक्षक नियुक्ति की रूपरेखा तैयार करने को कहा गया है। विद्यालयों से प्रस्ताव मांगे गए हैं, ताकि योजना को सुचारु रूप से लागू किया जा सके।

चंदौली जिले की खबरों को सबसे पहले पढ़ने और जानने के लिए चंदौली समाचार के टेलीग्राम से जुड़े।*