चंदौली जिले में ऑपरेशन कन्विक्शन के तहत मिली 10 लोगों को मिली सजा
ऑपरेशन कन्विक्शन की कार्रवाई जारी
5 मामलों में 10 लोगों को मिली सजा
जानिए किन-किन थानों में दर्ज थे मामले
चंदौली जिले में ऑपरेशन कन्विक्शन के तहत साथी अपराधियों और तस्करों के खिलाफ कार्यवाही का सिलसिला जारी है। पुलिस द्वारा ऐसे लोगों को जल्द से जल्द सजा दिलाने की प्रक्रिया जारी है। इसी क्रम में शनिवार को चंदौली की विभिन्न न्यायालयों में दर्ज मुकदमे के मामले में 10 आरोपियों को सजा सुनाई गई। इस दौरान शहाबगंज, नौगढ़, सकलडीहा तथा बलुआ थाने में दर्ज मुकदमे में आरोपियों को जेल तथा जुर्माने की सजा सुनाई गई।
महड़ौर के रहने वाले 3 लोगों को सजा
न्यायालय पीठासीन अधिकारी व अपर सिविल जज चकिया रोहित पुरी द्वारा दोषी 3 अभियुक्तों को जेल मे बितायी गयी अवधि की सजा व 1000-1000 रु. के अर्थदण्ड से दण्डित किया गया व अर्थदण्ड न अदा करने 10 दिवस का अतिरिक्त कारावास की सजा भुगतने का आदेश दिया। इनके खिलाफ शहाबगंज थाने में 12 जुलाई 1993 को धारा 147, 427 भादवि के सम्बन्ध में मुकदमा दर्ज किया गया था। मामले में आरोपी अभियुक्त निर्मल पुत्र सुखई, निठोहर पुत्र सुखई और पल्टू उर्फ पुल्लू पुत्र सुखई को सजा दी गयी। ये सभी लोग शहाबगंज के महड़ौर के रहने वाले हैं और इनके विरुद्ध अपराध संख्या- 35/1993 पंजीकृत किया गया था।
सोनभद्र के रहने वाले गैंगस्टर को सजा
न्यायालय पीठासीन अधिकारी अपर सत्र न्यायधीश/एफटीसी प्रथम श्यामबाबू ने 1 अभियुक्त को 2 वर्ष कारावास की सजा व 5000 रुपये के अर्थदण्ड से दण्डित किया और अर्थदण्ड न अदा करने पर 1 माह के अतिरिक्त कारावास की सजा भुगतने का आदेश दिया। थाना नौगढ़ में दर्ज मुकदमे में यह सजा सुनाई गयी। इनके खिलाफ दिनांक 19 मार्च 2005 को धारा 3(1) यूपी गैंगेस्टर एक्ट के सम्बन्ध में मामला दर्ज था। आरोपी अभियुक्त अशोक राम उर्फ विजय उर्फ सन्तोष पुत्र बिहारी को सजा दी गयी है। यह अपराधी सोनभद्र जिले का रहने वाला है। इसके विरुद्ध अपराध संख्या- 36/2005 धारा 3(1)यूपी गैंगेस्टर एक्ट थाना नौगढ़ में मुकदमा दर्ज हुआ था।
2 पशु तस्करों को सजा
न्यायालय पीठासीन अधिकारी न्यायिक मजिस्ट्रेट चंदौली के द्वारा दोषी 2 अभियुक्तों को जेल मे बितायी गयी अवधि की सजा व 2000-2000 रु. के अर्थदण्ड से दण्डित किया गया। इसके अलावा अर्थदण्ड न अदा करने 3 दिवस का अतिरिक्त कारावास की सजा भुगतने का आदेश दिया। सकलडीहा कोतवाली में दर्ज मुकदमे में यह सजा सुनायी गयी है। यह मुकदमा दिनांक 21 मार्च 2002 को धारा 3/5ए/8 गोवध निवारण अधिनियम व 11 पशु क्रुरता निवारण अधिनियम के सम्बन्ध में आरोपी अभियुक्त राम सेवक पुत्र मारकण्डेय बिन्द और टन्नु पुत्र रामकृत बिन्द को सजा सुनायी गयी। दोनों धीना थाने के भोलापुर गांव के रहने वाले हैं। इनके विरुद्ध अपराध संख्या- 14/2002 धारा 3/5ए/8 गोवध निवारण अधिनियम व 11 पशु क्रुरता निवारण अधिनियम के तहत थाना सकलडीहा कोतवाली में पंजीकृत किया गया था।
चोरी के मामले में सजा
न्यायालय पीठासीन अधिकारी सिविल जज (जूनियर डिविजन) एफटीसी-प्रथम सुश्री नूतन के द्वारा दोषी 1 अभियुक्त को जेल में बितायी गयी अवधि व 1500 रु. के अर्थदण्ड से दण्डित किया गया है। उसके साथ ही अर्थदण्ड न अदा करने पर 3 दिनों के अतिरिक्त कारावास की सजा भुगतने का आदेश दिया है। बलुआ थाने में 15 जुलाई 2002 में दर्ज धारा 380, 411 भादवि के सम्बन्ध में आरोपी अभियुक्त छोटे लाल पुत्र राम सूरत को सजा सुनायी गयी। ये बलुआ थाने के मोहरगंज बाजार का रहने वाला है। इसके विरुद्ध अपराध संख्या- 103/2002 धारा 380,411 भादवि थाना बलुआ में पंजीकृत किया गया था।
मारपीट में मां और 2 बेटों को सजा
साथ ही न्यायालय पीठासीन अधिकारी सिविल जज (जूनियर डिविजन) एफटीसी-प्रथम सुश्री नूतन के द्वारा दोषी 3 अभियुक्तों को जेल में बितायी गयी अवधि व 2000 रु0 के अर्थदण्ड से दण्डित करने का आदेश दिया गया। इसके अलावा अर्थदण्ड न अदा करने पर 3 दिनों का अतिरिक्त कारावास की सजा भुगतने की सजा दी गयी। बलुआ थाने में 31 मई 2014 को दर्ज मुकदमे यह आदेश जारी किया गया है। मामले में धारा 323, 504, 506 भादवि के सम्बन्ध में आरोपी अभियुक्त पार्वती गिरी पत्नी बदाम गिरी, सुनील गिरी पुत्र बादाम गिरी और राजू गिरी पुत्र बादाम गिरी को सजा सुनायी गयी। ये सभी बलुआ थाने के बैराठ गांव के रहने वाले हैं। इनके विरुद्ध अपराध संख्या- 71/2014 धारा 323,504,506 भादवि थाना बलुआ में पंजीकृत किया गया।
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