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वेदांता हॉस्पिटल के डॉक्टर पर गॉलब्लैडर अपरेशन कर केस बिगाड़ने का है आरोप , मरीज ने DM से लगायी गुहार

वेदांता हॉस्पिटल में इलाज के दौरान एक मरीज ने डॉक्टर पर गंभीर लापरवाही का आरोप लगाया है। मरीज राजेश कुमार पांडेय ने गॉलब्लैडर के ऑपरेशन के बाद उत्पन्न हुई स्वास्थ्य संबंधी परेशानियों को लेकर जिला प्रशासन से न्याय की गुहार लगाई है
 

मरीज ने डॉक्टर पर लापरवाही का लगाया आरोप

जिलाधिकारी से की न्याय की मांग

डॉक्टर ने अपने बचाव में दिया रिश्तेदारी का हवाला

साथ ही इलाज में लापरवाही को नकारा

चंदौली जनपद के वेदांता हॉस्पिटल में इलाज के दौरान एक मरीज ने डॉक्टर पर गंभीर लापरवाही का आरोप लगाया है। मरीज राजेश कुमार पांडेय ने गॉलब्लैडर के ऑपरेशन के बाद उत्पन्न हुई स्वास्थ्य संबंधी परेशानियों को लेकर जिला प्रशासन से न्याय की गुहार लगाई है। उन्होंने जिलाधिकारी को प्रार्थनापत्र सौंपते हुए डॉक्टर पर लापरवाही बरतने और इलाज में गंभीर त्रुटि करने का आरोप लगाते हुए न्याय की गुहार लगाई है। लेकिन मामले में डॉक्टर ने सारे आरोपों को सिरे से खारिज कर दिया।


पीड़ित राजेश कुमार पांडेय का कहना है कि उन्हें लंबे समय से परेशानी थी, जिसके बाद वे इलाज के लिए वेदांता हॉस्पिटल पहुंचे। डॉक्टर की सलाह पर उनका गॉलब्लैडर ऑपरेशन किया गया। ऑपरेशन के बाद भी उनकी स्थिति में सुधार नहीं हुआ, बल्कि स्वास्थ्य और अधिक बिगड़ गया। उन्होंने आरोप लगाया कि ऑपरेशन के दौरान गॉलब्लैडर में हायर लीकेज कट हो गया, जिसकी पुष्टि बाद की मेडिकल रिपोर्ट में हुई। राजेश का कहना है कि जब उन्होंने डॉक्टर से इलाज में लापरवाही को लेकर बात की, तो डॉक्टर ने मामले से पल्ला झाड़ लिया और कोई संतोषजनक कार्रवाई नहीं किया।


वहीं, वेदांता हॉस्पिटल के डॉक्टर वेद प्रकाश उपाध्याय ने मरीज द्वारा लगाए गए सभी आरोपों को सिरे से खारिज कर दिया है। डॉक्टर का कहना है कि ऑपरेशन के समय ही मरीज के गॉलब्लैडर में गैंग्रीन की स्थिति पाई गई थी, जिसकी जानकारी ऑपरेशन से पूर्व ही मरीज के परिजनों को दे दी गई थी। डॉक्टर ने यह भी स्पष्ट किया कि ऑपरेशन परिजनों की लिखित सहमति के बाद ही किया गया था।


हॉस्पिटल प्रशासन का कहना है कि इलाज की पूरी प्रक्रिया चिकित्सकीय मानकों के अनुरूप की गई है और किसी भी तरह की लापरवाही नहीं बरती गई। कई महीनों के बाद मरीज क्यों आरोप लगा रहा है, ये बात आसानी से समझी जा सकती है। 


मामला अब जिला प्रशासन तक पहुंच चुका है और पीड़ित ने जिलाधिकारी से न्याय की मांग की है। अब देखना होगा कि प्रशासन इस गंभीर प्रकरण में क्या कदम उठाता है और अस्पताल की चिकित्सा व्यवस्था की किस तरह से जांच पड़ताल करता है।

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