चंदौली जिले से गांव के मजदूरों को बाहर काम करने न जाना पड़े इसके लिए गांव स्तर पर ही रोजगार मिले और गांव का विकास हो सके इसके लिए मनरेगा योजना के तहत काम कराने पर सबसे ज्यादा जोर होता है।
त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव के बाद जब गांव की सरकार का नया गठन हुआ तो काम में भी तेजी आई है। महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी योजना के तहत करीब-करीब सभी ग्राम पंचायतों में काम शुरू हो गया है। जिले के 734 ग्राम पंचायतों में से 668 में काम नियमित चल रहा है। शेष ग्राम पंचायतों में भी तेज करने का निर्देश दिया गया है। इस समय मनरेगा से 37 हजार मजदूरों को काम मिल रहा है।
बीते महीनों में कोरोना संकट के कारण मनरेगा के काम बंद हो गए थे। उसके बाद त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव होने लगे। हालांकि चुनाव के दौरान काम प्रभावित न हो इस लिए प्रशासक नियुक्त किए गए थे। इसके बावजूद ज्यादातर गांवों में काम बंद हो गया था। जब चुनावी प्रक्रिया समाप्त हो गई। गांवों में नए प्रधान बन गए और गांव की नई सरकार का गठन हो गया तो फिर से मनरेगा के कार्य में तेजी लाने पर जोर दिया जाने लगा।
अधिकारियों की सख्ती का नतीजा रहा कि ज्यादातर गांवों में काम भी शुरू हो गया। कुछ गांवों में सुस्ती और खेती का सीजन होने के कारण काम धीमा है या कुछ दिन से बंद है। अगर सभी गांवों में मनरेगा के तहत पर्याप्त काम मिले तो हजारों ग्रामीणों को मनरेगा में काम मिलेगा। मनरेगा सेल से मिली जानकारी के अनुसार, बृहस्पतिवार को जिले की 668 ग्राम पंचायतों में मनरेगा के तहत कार्य कराए गए। यानी 66 ग्राम पंचायत ऐसी हैं जहां काम नहीं हुआ।
जिले में मनरेगा योजना के तहत जॉबकार्ड बनवाने वाले श्रमिकों की संख्या दो लाख 16 हजार 475 है। इसमें से एक लाख 28 हजार 80 मजदूर ऐसे हैं जो सक्रिय हैं। मनरेगा सेल के अनुसार जिले के 734 ग्राम पंचायतों में से 668 में काम कराया जा रहा है। इससे 37 हजार 539 लोगों को काम मिल रहा है। बाकी अन्य ग्राम पंचायतों में काम कराने के लिए कहा गया है। सभी प्रधानों व सचिवों को काम में तेजी लाने के लिए निर्देश दिया गया है। मनरेगा के तहत गांवों में काम कराने को लेकर अधिकारियों का दावा है कि काम तेजी से हो रहा है।
इस सम्बन्ध में उपायुक्त श्रम रोजगार धर्मजीत सिंह ने बताया कि त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव के बाद काम में तेजी आई है। बृहस्पतिवार को 668 ग्राम पंचायतों में काम कराया जा रहा था। इसमें 37 हजार श्रमिक लगे रहे। जहां काम नहीं हुए या कम हुए हैं वहां तेजी लाने के लिए निर्देश दिया गया है।
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