कीटनाशक विक्रेताओं को कैश मेमो देना अनिवार्य, उल्लंघन पर होगी कड़ी कार्रवाई

दवा विक्रेताओं पर कृषि रक्षा विभाग का सख्त रुख
किसानों को रसायन खरीद पर अनिवार्य रूप से दिया जाए कैश मेमो
कैश मेमो में होना चाहिए रसायन का नाम, बैच नंबर व मूल्य
कैश मेमो न देने पर किसान कर सकते हैं शिकायत
चंदौली जनपद में किसानों के हितों और कीटनाशकों की बिक्री में पारदर्शिता लाने के लिए जिला कृषि रक्षा अधिकारी स्नेह प्रभा ने कड़ा रुख अपनाया है। एक पत्र जारी कर जिले के सभी कीटनाशक विक्रेताओं को स्पष्ट निर्देश दिए गए हैं कि कीटनाशी अधिनियम 1968 तथा कीटनाशक नियमावली 1971 के सभी प्रावधानों का कड़ाई से अनुपालन सुनिश्चित करें, अन्यथा उनके विरुद्ध कठोर कार्रवाई की जाएगी।

जिला कृषि रक्षा अधिकारी ने बताया कि हाल के दिनों में की गई छापेमारी के दौरान कई दुकानों पर गंभीर अनियमितताएं सामने आई हैं। स्टॉक रजिस्टर और बिक्री रजिस्टर अधूरे पाए गए, और कई दुकानों पर किसानों को कैश मेमो भी नहीं दिया जा रहा था। यह न केवल नियमों का उल्लंघन है, बल्कि किसानों के हितों के साथ भी धोखा है।

उन्होंने कहा कि विक्रेताओं को प्रतिदिन की बिक्री और वितरण की जानकारी हर माह की 25 तारीख तक विभाग को उपलब्ध कराना अनिवार्य है। इसके अतिरिक्त हर किसान को कीटनाशक खरीदते समय कैश मेमो देना अनिवार्य होगा, जिसमें रसायन का नाम, बैच नंबर, विनिर्माण तिथि, समाप्ति तिथि और विक्रय मूल्य स्पष्ट रूप से अंकित होना चाहिए।
स्नेह प्रभा ने यह भी स्पष्ट किया कि सभी विक्रेताओं को अपने स्टॉक रजिस्टर, बिक्री रजिस्टर और कैश मेमो रसीदों को व्यवस्थित और अद्यतन रखना होगा, ताकि किसी भी समय निरीक्षण में कोई कमी न मिले।
उन्होंने किसानों से अपील की कि यदि कोई विक्रेता उन्हें कैश मेमो नहीं देता है, तो इसकी शिकायत सीधे जिला कृषि रक्षा अधिकारी कार्यालय में करें। इससे कार्रवाई को प्रभावी रूप से लागू किया जा सकेगा।
यदि निर्देशों के बावजूद निरीक्षण के दौरान कोई विक्रेता दोषी पाया जाता है, तो उसके विरुद्ध कीटनाशी अधिनियम 1968 के अंतर्गत रासायनिक उत्पादों को सीज करने के साथ विधिक कार्रवाई की जाएगी।
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