स्मार्ट बनेंगे जिले के आंगनबाड़ी केंद्र, मोबाइल ऐप पर ऐसी हो रही तैयारी
जिले में गर्भवती-धात्री का विवरण होगा ट्रैक
7 माह से 6 साल तक के बच्चों का होगा विवरण
पोषण ट्रैकर व आंगन एप पर दर्ज होगी जानकारी
चंदौली जिले के आंगनबाड़ी केद्रों की सेवाओं को और बेहतर करने के लिए उन्हें जल्द ही स्मार्ट बनाया जायेगा। सभी आंगनबाड़ी केन्द्रों के सफल संचालन के लिए उनको पोषण ट्रैकर व आंगन एप की सुविधा प्रदान कर कर दी गई है। इसमें गर्भवती, धात्री के आलावा सात माह से छह साल तक के बच्चों का विवरण दर्ज होगा ।
बाल विकास सेवा एवं पुष्टाहार (आईसीडीएस) की जिला कार्यक्रम अधिकारी (डीपीओ) जया त्रिपाठी ने बताया कि आंगनबाड़ी केद्रों की सेवाओं की गुणवत्ता में सुधार का लगातार प्रयास किया जा रहा है। इसके तहत विभाग ने आंगनबाड़ी केंद्रों के सफल संचालन के लिए उन्हें पोषण ट्रैकर व आंगन एप की सुविधा प्रदान की है इसमें गर्भवती, धात्री एवं सात माह से छह साल तक के सभी बच्चों को पोषाहार उपलब्ध करानेका विवरण दर्ज करने का निर्देश दिया गया है।
डीपीओ जया त्रिपाठी ने बताया कि जनपद में कुल 1823 आंगनबाड़ी केंद्र पर तैनात आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं के माध्यम से पोषण ट्रैकर पर जिले कि कुल 32252 गर्भवती एवं धात्री महिलाओं का नाम व आधार नंबर फीड किया जाना है। साथ ही सात माह से छह साल तक के कुल 182236 बच्चों का नाम व आधार वेरिफिकेशन भी किया जाना है। उन्होंने बताया कि आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं, मुख्य सेविकाओं और बाल विकास परियोजना अधिकारियो से कहा गया है की यह कार्य उन्हें को तीन दिवस के भीतर शतप्रतिशत करना है ।
डीपीओ ने सभी नागरिकों से अपील किया है कि वे परिवार की गर्भवती,धात्री माताओं तथा सात माह से छह साल तक के सभी बच्चों का आधार कार्ड अपने निकटतम आंगनबाड़ी केंद्र की आंगनबाड़ी कार्यकर्ता को उपलब्ध करा दें ताकि इस कार्य को सफलता पूर्वक पूरा किया जा सके।
सीडीपीओ (बरहनी ) राम प्रकाश मौर्या ने बताया कि आईसीडीएस विभाग से उन्ही लाभार्थियों को पोषाहार राशन दिया जायेगा, जिनके नाम का विवरण आधार वेरिफिकेशन करके आंगनबाड़ी कार्यकर्ता की ओर फीड किया गया होगा। जिन लाभार्थियों का आधार वेरिफाइड पोषण ट्रैकर पर नही होगा,उन लाभार्थियों को पोषाहार राशन नही दिया जा सकता है। इसके लिए निदेशक बाल विकास विभाग की ओर से सभी आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं को निर्देश दिए गए हैं। साथ ही कहा गया है की पंद्रह दिन के अंदर सभी आंगनबाड़ी कार्यकर्ता अपने- अपने आंगनबाड़ी केंद्र के सभी श्रेणी के पात्र लाभार्थियों का विवरण पोषण ट्रैकर एप पर आधार सत्यापन के साथ फीड करना सुनिश्चित करे।
रामप्रकाश मौर्या ने बताया कि आईसीडीएस विभाग की ओर से सेविकाओं को मिले मोबाइल पर पोषण कार्यक्रम लॉगिन कर विस्तार से जानकारी दी गयी है। गर्भवती महिलाएं, छह माह से उपर के बच्चों, तीन से छह आयु वर्ष के बच्चों तथा किशोरियों आदि के लिए संचालित पोषण कार्यक्रम के तहत अलग-अलग निबंधित लाभार्थियों के विवरण को पोषण ट्रैकर नाम के इस एप के सफल क्रियान्वयन को लेकर जिला स्तर पर आंगनबाड़ी सेविकाओं को प्रशिक्षण दिया जा चुका है। लाभार्थियों को लाभ पहुंचाने में हो रही देरी को खत्म करने के लिए पोषण ट्रैकर मोबाइल एप के माध्यम से सभी कार्य समय पर संपन्न कराना तथा इसके माध्यम से सभी सेविकाओं को कार्यों का निष्पादन करने में सहूलियत भी होगी। जिससे पोषाहार वितरण के साथ ही संसाधनों की उपलब्धता तथा बच्चों की उपस्थिति की सीधी पड़ताल के लिए यह महत्वाकांक्षी ऐप साबित होगी।
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