चंदौली जिले में उ. प्र. प्राइवेट आईटीआई प्रधानाचार्य अनुदेशक समन्वय समिति के तत्वावधान में मुख्यमंत्री को संबोधित छः सूत्री मांग पत्र सोमवार को नोडल प्रधानाचार्य राजकीय आईटीआई को सौंपा गया।
इस दौरान प्रदेश संयोजक सत्येंद्र कुमार मिश्र ने कहा कि प्रदेश के प्राइवेट आईटीआई संचालक प्रधानाचार्य व अनुदेशको का शोषण कर रहे हैं। जो किसी कीमत पर बर्दाश्त नहीं किया जायेगा। कोविड संक्रमण के दौरान करीब डेढ़ वर्षों से अधिकांश अनुदेशकों को वेतन नही दिया जा रहा है। और उनकी सेवाएं भी नहीं ली जा रही हैं। ऐसे में उनके समक्ष रोजी रोटी का संकट पैदा हो गया है। कई बार केंद्र सरकार व प्रदेश सरकार का ध्यान आकृष्ट कराया गया। लेकिन कानों में जूं तक नहीं रेंगा।
केन्द्र सरकार ने कहा है कि मेरा दायित्व सिर्फ प्रशासनिक, नीतिपरक नीतियों को लागू कराना,गुणवत्तापूर्ण शिक्षा दिलाना तथा परीक्षा कराने की जिम्मेदारी है। वेतन दिलाने, ईपीएफ कटौती, राज्य कर्मचारियों की भांति आकस्मिक अवकाश , मैटर्नटी अवकाश घोषित करने, बीमा राशि मुहैया कराने का कार्य राज्य सरकार के अधिकार में आता है। पूरा जीवन आईटीआई में लगा देता है। लेकिन अल्प मानदेय के सिवाय कुछ नहीं मिलता है। सेवा नियमावली बनाई जाय। प्रधानाचार्य व अनुदेशक को मृत्यु की दशा में मृतक आश्रित के परिवार को क्रमशः 50 लाख तथा 30 लाख बीमा राशि प्रदान किया जाय।
केंद्र सरकार 26 जुलाई 2019 के पत्र के माध्यम से अवगत कराया है कि बेसिक सैलरी का दो तिहाई वेतन प्राइवेट आईटीआई के प्रधानाचार्य अनुदेशक को दिया जाना है। लेकिन इस शासनादेश को लागू करने का जिम्मा राज्य सरकार का है। प्रदेश संयोजक के आह्वान पर आज पूरे प्रदेश में ज्ञापन सौंपा गया है। चुकी 13 अप्रैल से बैक परीक्षा आयोजित है। जिसके मद्देनजर तैयारी चल रही है।
कोविड के अनुपालन करते हुए ईमेल के माध्यम से मुख्यमंत्री को संबोधित छः सूत्री मांग पत्र का ज्ञापन नोडल प्रधानाचार्य राजकीय आईटीआई रेवंसा चन्दौली को सौंपा गया।
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