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राइस मिल का विवाद बन सकता है जी का जंजाल, अब पुलिस को करना होगा सही गलत का फैसला

चंदौली जिले के मझवार गांव निवासी बृजराज मिश्रा और उनके परिवार एवं पट्टीदारों की संयुक्त भूमि गांव में स्थित है। इस भूमि पर वर्ष 2019 के पूर्व जय हनुमान राइस मिल का संचालन किया गया। बाद में राइस मिल बंद हो गयी। 
 

दो पक्षों के बीच राइस मिल की जमीन का विवाद

जमीन को कब्जाने का हो रहा प्रयास

जानिए क्या है पूरा मामला

चंदौली जिले के मझवार गांव निवासी बृजराज मिश्रा और उनके परिवार एवं पट्टीदारों की संयुक्त भूमि गांव में स्थित है। इस भूमि पर वर्ष 2019 के पूर्व जय हनुमान राइस मिल का संचालन किया गया। बृजराज मिश्रा का आरोप है कि आपसी सहमति के बगैर वर्ष 2020 में इस राइस मिल में पारिवारिक साझेदारी विलेख पत्र को फर्जी और कूटरचित दस्तावेजों के आधार पर अजय कुमार मिश्रा ने जीएसटी पोर्टल पर अपलोड कर दिया और फर्म को अनाधिकृत रूप से कब्जाने का प्रयास किया गया। हालांकि पूरा प्रकरण काफी अरसे तक चलता रहा और मामला न्यायालय तक पहुंच गया। पूरे मामले में जमीन और सम्पत्ति का विवाद न्यायालय में विचाराधीन है।


इस संबंध में पीड़ित बृजराज मिश्रा ने मामले में दूसरे पक्ष द्वारा लगातार अनाधिकृत रूप से राइस मिल की संपति को कब्जाने का प्रयास किया जा रहा। इस संबंध में डीएम, एसपी और थाना प्रभारी चंदौली से मिलकर पूरा वृतांत बताते हुए मामले के बाबत कोर्ट में विचाराधीन होने की बात और प्रार्थना पत्र दिया गया था। उच्चाधिकारियों द्वारा मामले में कोर्ट के निर्णय के बाद ही कोई कार्रवाई अमल में लाने का आदेश दिया गया था। 

 आज उक्त विवादित राइस मिल के पार्टनरों के द्वारा परिसंपत्तियों का आपस में निपटारा करने की  शिश की जा रही है। लेकिन  बृजराज मिश्रा और उनका परिवार अडंगा डाल रहा है, जबकि उनका इस मिल से कोई लेना देना नहीं हैं।  मामले में अजय मिश्रा  का कहना है कि इस मामले में  उनके चाचा रघुवंश मिश्रा के साथ राइस मिल की पार्टनरशिप है। लेकिन इस पर बृजराज मिश्रा जबरन हस्तक्षेप कर रहे हैं, जबकि उनका राइस मिल से कोई लेना देना नहीं है।  राइस मिल की खराब मशीनें और बेकार सामानों को बेचना चाह रहे हैं, और जबरन विरोधी लोग अडंगा डाल रहे हैं। पुलिस को फोन करके उनको परेशान कर रहे हैं।

इस बाबत डायल 112 को फोन करके सूचित किया गया तो उन्होंने मौके पर पहुंचकर काम को रुकवा दिया। लेकिन जब मामला नवही चौकी प्रभारी सूरज सिंह के पास पहुंचा तो उनके द्वारा कोर्ट और उच्चाधिकारियों के आदेश की अवहेलना कर पीड़ित पक्ष को ही थाने पर बैठा दिया गया और अवैध कब्जा कर रहे लोगों के कार्य को नहीं रोका गया। 

हालांकि आरोपों के संबंध में चौकी प्रभारी सूरज सिंह की माने तो उनके द्वारा दोनों पक्षों पर विधिक कार्रवाई करते हुए शांति व्यवस्था बनाई गई है। विवाद न बढ़े इसलिए दोनों पक्षों पर नकेल कसी जा रही है। मामला आला अधिकारियों के संज्ञान में है और उनके निर्देश पर कार्रवाई होगी।

                                                                                                                                                                                                                                                                            

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