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CMO के कलाकार बाबू की ‘कलाकारी’ से सेट हो गए हैं कई साहब, तब हुयी है चमत्कारी नियुक्ति

tds_top_like_showtds_top_like_showtds_top_like_showtds_top_like_showtds_top_like_show चंदौली जिले के स्वास्थ्य विभाग में हुई 11 नियुक्तियों में 50 लाख से अधिक के लेनदेन और उसके बाद मनमाने तरीके से नियुक्ति करने का मामला मीडिया में आजकल चर्चा का विषय बना हुआ है। इस मामले को समाजवादी पार्टी के विधायक प्रभु नारायण सिंह यादव ने विधानसभा में उठाया है। इसके बाद मामले में
 
CMO के कलाकार बाबू की ‘कलाकारी’ से सेट हो गए हैं कई साहब, तब हुयी है चमत्कारी नियुक्ति

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चंदौली जिले के स्वास्थ्य विभाग में हुई 11 नियुक्तियों में 50 लाख से अधिक के लेनदेन और उसके बाद मनमाने तरीके से नियुक्ति करने का मामला मीडिया में आजकल चर्चा का विषय बना हुआ है।

इस मामले को समाजवादी पार्टी के विधायक प्रभु नारायण सिंह यादव ने विधानसभा में उठाया है। इसके बाद मामले में 90 दिन के भीतर जांच कर कार्यवाही करने का निर्देश दिया गया है तथा सभी 11 नियुक्तियों को निरस्त करने की भी बात कही जा रही है।

शासन के द्वारा इस पर कार्रवाई से माना जा रहा है कि स्वास्थ्य विभाग में अब बड़ी कार्यवाही की जाएगी और इस पूरी नियुक्ति प्रक्रिया में शामिल कई लोगों के खिलाफ कार्यवाही होना तय है। हालांकि यह तब होगा जब इमानदारी से जांच पड़ताल होगी केवल दिखाने के लिए नहीं।

तत्कालीन सीएमओ की भूमिका

आपको बता दें कि स्वास्थ्य विभाग में 29 और 30 जनवरी को कुल 5 चिकित्सक, 4 एएनएम और दो फर्मासिस्टों नियुक्त के लिए जो भी कार्यवाही की गई थी। उस पर पहले दिन से ही सवाल उठा रहा है। इस मामले में जिस तरह से सारे काम आनन-फानन में एक विभागीय बाबू की कार्यकुशलता व मध्यस्थता में किया गया उससे कई सवाल उठ रहे हैं। साथ ही इस पूरे मामले में 31 जनवरी को सेवानिवृत्त हो रहे तत्कालीन मुख्य चिकित्सा अधिकारी की भूमिका को भी संदिग्ध तरीके से देखा जा रहा है।

इतना ही नहीं यह भी कहा जा रहा है कि जब यह नियुक्ति की फाइल जिलाधिकारी कार्यालय में पहुंचे तो वहां भी पहले ऑब्जेक्शन लगाया गया, लेकिन बाद में कुछ ऐसा हुआ जिसके चलते जिलाधिकारी महोदय ने भी उस पर अनुमोदन दे दिया।

CMO के कलाकार बाबू की ‘कलाकारी’ से सेट हो गए हैं कई साहब, तब हुयी है चमत्कारी नियुक्ति

अब इस प्रक्रिया पर सवाल उठने लगा है, जिससे लगता है कि कोई ऐसी कड़ी जुड़ी हुई है जिसमें सभी को सांठगांठ करके मना लिया गया और इस पूरी नियुक्ति प्रक्रिया का अंजाम देते हुए सारे लोगों को तत्काल ज्वॉइन भी करा दिया गया है।

ऐसी मुख्य कलाकार की भूमिका

चर्चा है कि स्वास्थ्य विभाग में तैनात पटेल साहब (वैसे नाम के आगे सिंह लिखते हैं) की भूमिका काफी संदिग्ध है और इन्होंने अपने कला और कौशल का प्रयोग करते हुए न सिर्फ सीएमओ ऑफिस बल्कि उसके ऊपर के अधिकारियों को भी कुछ इस कदर से सेट कर रखा है कि कोई भी उनके खिलाफ न तो मुंह खोलने को तैयार है और न ही उनकी भूमिका पर सवाल उठाने के लिए आगे आ रहा है।

माना जा रहा है कि सीएमओ ऑफिस के पटेल बाबू की बड़े साहबों के ऑफिस में डीलिंग चला करती है। इसमें एक सजातीय बीडीओ साहब ने भी अपनी खास भूमिका निभायी है। बीडीओ साहब उस इलाके के ही बताए जाते हैं, जहां के पटेल साहब रहने वाले हैं।

काफी बार कर चुके हैं कारनामा

तो अब देखना यह है कि पटेल साहब किस तरह से जांच और नियुक्ति को रद्द करने की आंधी को रोकने की पहल में जुटते हैं, क्योंकि अब उनका पैसे वापस मांगे जाने का भी डर सताने लगा होगा। लेकिन पटेल बाबू भी हल्के फुल्के कलाकार नहीं है जो एक जांच से डर जाएं। उनके खिलाफ ऐसी जांचें कई बारे शुरू तो हुयीं और उनका कुछ भी नहीं बिगड़ा। चकिया और नौगढ़ में जलवा दिखाने के बाद अब वह सीएमओ ऑफिस में अपनी कलाकारी का खूंटा गाड़े हुए हैं।

कोरोना काल की खरीद का मामला

कोरोना काल में जिले में हुए सामानों की खरीद को लेकर भी सवाल उठा था और जिला स्तरीय अधिकारी इसकी जांच कर रहे थे। इसमें तमाम आपत्तियां भी उठायी गयी थी। पर कहा तो यह जाता है कि पटेल साहब ने एक ही मुलाकात में साहब की सारी आपत्तियों को दूर करने का मामला सेट कर दिया।

आगे आने वाला है

आयुष्मान मित्रों की भर्ती में भी दो से तीन लाख की लेन देन की सुगबुगाहट आ रही है, जिसका खुलासा जल्द ही हो सकता है। इसके साथ ही लाखों की हुई बंदरबांट का क्या होता है और जो लोग पैसे देकर आनन-फानन में नौकरी ज्वॉइन कर लिए हैं.. अब वह आगे किस तरह की रणनीति बनाते हैं।

नोट… यह खबर विभागीय व मीडिया की चर्चाओं व उससे जुड़े लोगों से मिली जानकारी के आधार पर लिखी गयी है। किसी को किसी पक्ष की सच्चाई बतानी हो या किसी तथ्य को और भी जोड़ना हो तो वह चंदौली समाचार के कार्यालय में संपर्क कर सकते हैं।

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