जीवितपुत्रिका के पहले करवा दीजिए साफ -सफाई, मिलेगा व्रत व पूजा करने वालों से आशीर्वाद
मानसरोवर व तालाब की सीढ़ियों पर फैला है कचरा
इतनी गंदगी के बीच कैसे होगी जीवितपुत्रिका की पूजा
नगर पालिका प्रशासन उदासीन
अधिकारियों को भी नहीं है फिक्र
चंदौली जिले में सरोवरों व पोखरो का हाल बदला पड़ा है ऐसे में कोई जीवितपुत्रिका का पूजा कैसे कर पाएगा । संतान की लंबी उम्र की कामना के लिए किए जाने वाला जीवितपुत्रिका 25 सितंबर को मनाया जाएगा। महिलाएं सरोवरों के तट पर पूजन करेंगी। लेकिन मानसरोवर तालाब और दामोदरदास पोखरा में गंदगी फैली है। मछलियों का पालन करने से बदबू फैली है। ऐसे में आस्थावान यहां कैसे पूजन करेंगे।
आपको बता दें कि पीडीडीयू नगर के तालाबों व पोखरों की स्थिति बद से बदतर हो चुकी है। ऐसे में दुर्गंध और गंदगी के बीच महिलाओं को जीवितपुत्रिता का पर्व मनाना पड़ेगा। चकिया तिराहे स्थित मानसरोवर तालाब व दामोदरदास पोखरा पर बड़ी संख्या में पूजा पाठ करने महिलाएं आती है लेकिन गंदगी के कारण दोनों ही तालाबों के पास बैठना मुश्किल है।
मानसरोवर तालाब पर गंदगी के साथ-साथ मरी मछलियों के दुर्गंध से वहां बैठना मुश्किल है। कभी- कभी सामाजिक संस्थाओं की ओर से तालाब की सफाई कराई जाती है लेकिन पालिका या रेलवे की ओर से सफाई नहीं हो पाती है। वहीं बारिश के कारण नाला ओवरफ्लो होकर गंदा पानी दामोदास पोखरा में गिर रहा है। जिससे पोखरा पूरी तरह से गंदगी से पट चुका है।
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