चंदौली में सौ-दो सौ नहीं, 8 हजार से अधिक अपात्र पकड़े गए हैं साहब…!
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चंदौली जिले की आवास प्लस सूची में नाम शामिल करवाने वालों की प्रधानमंत्री आवास योजना का लाभ देने के लिए जब जांच की गयी तो दावा करने वाले लगभग 8 हजार 2 सौ से अधिक लोग अपात्र पाए गए हैं। शासन के निर्देश पर जिला प्रशासन ने पात्रता का सत्यापन कराया, तो हकीकत सामने आ गयी।
आपको याद होगा कि केंद्र सरकार ने बेघरों को आशियाना मुहैया कराने के लिए प्रधानमंत्री आवास योजना शुरू की है। इसके तहत लाभार्थियों के खाते में तीन किस्तों में 1.30 लाख रुपये धनराशि भेजी जाती है लेकिन योजना के तहत अपात्रों का भी चयन कर लिया गया। अपात्र सरकार का पैसा हजम कर गए। ऐसे में शासन सख्त हो गया है। अपर प्रमुख सचिव ग्राम्य विकास ने परियोजना निदेशक को पत्र भेजकर आवास प्लस सूची में शामिल पात्रों का सत्यापन कराने का निर्देश दिया था।
इसके बाद विभाग ने अधिकारियों की टीम गठित कर पड़ताल कराई, तो 8217 अपात्र मिले। आवास प्लस सूची में जिले में 30 हजार 260 लोगों का नाम शामिल था। सत्यापन के बाद जिले में 22043 पात्र पाए गए हैं। विभाग जल्द ही शासन को रिपोर्ट भेजेगा। शासन से धनराशि आवंटित होने के बाद पात्रों को प्रधानमंत्री आवास योजना का लाभ मिलेगा।
अब शासन ने प्रधानमंत्री आवास के लिए अपात्रों के चयन के लिए बीडीओ, एडीओ पंचायत व ग्राम पंचायत सचिवों की जवाबदेही तय की है। डाटा फीडिंग के लिए सचिवों को बाकायदा आइडी उपलब्ध कराई गई है। अपनी आइडी से ही सचिव प्रधानमंत्री आवास के लिए चयनित पात्रों का डाटा पोर्टल पर अपलोड करेंगे। एडीओ पंचायत व बीडीओ इसका सत्यापन करेंगे। ऐसे में यदि कोई अपात्र पाया जाता है तो संबंधित सचिव की आइडी से उसे चिह्नित कर लिया जाएगा। सचिव के साथ ही डाटा को सत्यापित करने वाले एडीओ पंचायत और बीडीओ भी लपेटे में आ जाएंगे।
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