महिला अफसर की दरियादिली, बूढे फरियादी के पास जाकर सुनी समस्या, फिर बोलीं...
संपूर्ण समाधान दिवस पर दिखा नजारा
प्रभारी सदर एसडीएम दिव्या ओझा ने फरियादी को दिया भरोसा
महिला अफसर की संवेदनशीलता की हो रही है चर्चा
कहते हैं कि अधिकारी अगर संवेदनशील हो तो जनता की फरियाद और समस्याओं का निस्तारण तत्काल हो जाता है और शिकायतकर्ता खुद को संतुष्ट महसूस करता है। कभी-कभी अधिकारी लीक से हटकर भी फरियादियों के लिए कुछ करते हैं तो उनकी कुर्सी की गरिमा अपने आप बढ़ जाती है।
कुछ ऐसा ही नजारा शनिवार को चंदौली जिले की प्रभारी सदर एसडीएम दिव्या ओझा के द्वारा दिखाया गया, जिसकी चर्चा काफी देर तक हुयी। बताया जा रहा है कि संपूर्ण समाधान दिवस में शनिवार को शिकायतकर्ता अपनी समस्या लेकर उप जिलाधिकारी के पास तहसील परिसर में आ पहुंचा। बुजुर्ग की स्थिति को देखकर उप जिलाधिकारी दिव्या ओझा ने खुद अपनी कुर्सी छोड़ दी और उसके पास जा पहुंची। बुजुर्ग को पहले पकड़ कर कुर्सी पर बैठाया और उसकी वहीं पर समस्या सुनीं। साथ ही साथ उसकी समस्या के निस्तारण का भरोसा भी दिलाया।
बताया जा रहा है कि फरियादी अपने किसी विवाद में अपने नाती या पोते को लेकर लाठी के सहारे कांपते हुए आया था। उसकी हालत देखकर उपजिलाधिकारी ने अपनी कुर्सी छोड़ दी। उसने कहा कि कोई मदद नहीं कर रहा है। पुलिस भी नहीं सुन रही है।
एक बुजुर्ग फरियादी की मदद के लिए इस तरह के संवेदनशीलता दिखाने पर उप जिलाधिकारी सदर की खूब सराहना हो रही है। स्थानीय लोगों ने कहा कि अगर उपजिलाधिकारी इस तरह के दरियादिली दिखा रही हैं तो कहीं ना कहीं फरियादियों के प्रति उनके लगाव और समस्या निस्तारण के प्रति उनकी दिलचस्पी दिखाई दे रही है। अन्य अधिकारियों को भी उपजिलाधिकारी दिव्या ओझा से सीख लेनी चाहिए।
चंदौली जिले की खबरों को सबसे पहले पढ़ने और जानने के लिए चंदौली समाचार के टेलीग्राम से जुड़े।*