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छात्राओं की आत्मरक्षा के लिए जरूरी है ताइक्वांडो प्रशिक्षण

tds_top_like_showtds_top_like_showtds_top_like_showtds_top_like_showtds_top_like_show चंदौली जिले में ताइक्वांडो एसोसिएशन चन्दौली की ओर से मिशन शक्ति के तहत को बीपीएस पब्लिक स्कूल नौबतपुर चंदौली में सात दिवसीय आत्मारक्षा प्रशिक्षण कैम्प का शुभारंभ किया गया। जिसमें विशिष्ट अतिथि के रूप से ताइक्वांडो एससोशशन का मुख्य संरक्षक एवं संत अल हनीफ एजुकेशनल सेंटर का प्रबंधक हाजी वसीम अहमद जी और कार्यक्रम के
 
छात्राओं की आत्मरक्षा के लिए जरूरी है ताइक्वांडो प्रशिक्षण

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चंदौली जिले में ताइक्वांडो एसोसिएशन चन्दौली की ओर से मिशन शक्ति के तहत को बीपीएस पब्लिक स्कूल नौबतपुर चंदौली में सात दिवसीय आत्मारक्षा प्रशिक्षण कैम्प का शुभारंभ किया गया। जिसमें विशिष्ट अतिथि के रूप से ताइक्वांडो एससोशशन का मुख्य संरक्षक एवं संत अल हनीफ एजुकेशनल सेंटर का प्रबंधक हाजी वसीम अहमद जी और कार्यक्रम के संचालक के रूप में श्री साजू थॉमस जी के साथ साथ आजाद हुसैन, कृष्णदेव, अंजली कुमारी, प्रियंका कुमारी, रिजवाना बेगम,अमन कुमार, क्रिस्टी साजु थॉमस की उपस्थिति के साथ साथ विद्यालय के सभी शिक्षक शिक्षिका और छात्र-छात्राएं मौजूद थे।


इस अवसर पर बच्चों को लड़कियों की सुरक्षा के संबंध में कुछ टिप्स दिए गए साथ ही उनकी सुरक्षा के संदर्भ में बहुत सारी बातें भी बताई गई इस अवसर पर बोलते हुए हाजी वसीम अहमद जी ने कहा कि महिलाओं के लिए आत्मरक्षा प्रशिक्षण अनिवार्य है। हमें स्त्रियों और लड़कियों की सुरक्षा के संबंध में हर हाल में सचेत रहना होगा साथ ही इनका आत्मसम्मान इनके घर से शुरू हो तभी यह बाहर भी सम्मान से जी पाएंगे।

उन्होंने बताया कि जब कभी घर परिवार में कोई वस्तु लाई जाती है तो सबसे पहले बेटे के हाथ में रखा जाता है इन्हीं सारी चीजों से लड़कियों के मन में हीन भावना जागने लगती है। जबकि हमें चाहिए कि हम घर में लाई जाने वाली हर वह वस्तु सबसे पहले लड़की के हाथ में दे और फिर बाद में लड़के के हाथ में दे आमतौर पर देखा जाता है । लड़कों को कान्वेंट स्कूल में पढ़ाया जाता है और लड़कियों को सरकारी स्कूलों में पढ़ने के लिए विवश कर दिया जाता है लड़कियां जब घर से ही दुविधा भरे व्यवहार को खेलते हुए आगे बढ़ेंगे तो समाज में तो निश्चित रूप से दोराहे पर खड़ी होगी । इस प्रथा को इस परम्परा को इस आदत को हमें बदलना होगा और इसे बदलने के लिए हमें दूसरों से कहने की जरूरत नहीं है । हम दूसरों से कहकर उन्हें सुधारें इससे बेहतर होगा कि इस चीज की पहल हम अपने घर से करें तभी लड़कियों का मनोबल घर में भी ऊंचा उठेगा। और वह बाहर स्वाभिमान के साथ निकल सकेंगे ।

इस अवसर पर बोलते हुए विद्यालय के प्रधानाचार्य डॉ पी के सिंह ने कहा की जिस समाज में स्त्रियों को सम्मान मिलता है वही समाज राष्ट्र को भी दिशा दे सकता है। जहां लड़कियां सुरक्षित हैं महिलाएं खुले आसमान में सांस ले सकती हो । उसे ही हम धरती का स्वर्ग कर सकते हैं। लेकिन इन सब चीजों की शुरुआत हर व्यक्ति को अपने घर से करनी होगी साथ ही उन्होंने आए हुए अतिथियों का आभार व्यक्त किया । इस कार्यक्रम का संचालन विद्यालय के शिक्षक राणा मुखर्जी ने किया और धन्यवाद ज्ञापन प्रधानाचार्य ने किया । इस अवसर पर विद्यालय के सभी शिक्षक शिक्षिका उपस्थित थे।

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