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राजकीय विद्यालयों की छात्राओं को आत्मरक्षा के गुर, ट्रेनिंग लेकर बनेंगीं 'झांसी की रानी'

प्रत्येक विद्यालय में आत्मरक्षा प्रशिक्षण के लिए एक प्रशिक्षक की तैनाती की जाएगी, जिसके पास मार्शल आर्ट में ब्लैक बेल्ट होना अनिवार्य होगा। प्रशिक्षक को प्रति विद्यालय ₹5000 प्रतिमाह मानदेय भी दिया जाएगा। एक प्रशिक्षक अधिकतम तीन विद्यालयों में प्रशिक्षण दे सकेगा।
 

महिला सशक्तिकरण की दिशा में सरकार की पहल

25 विद्यालयों में चलेगा प्रशिक्षण

बालिकाओं को सिखाये जायेंगे आत्मरक्षा के तौर तरीके

चर्चित कवयित्री सुभद्रा कुमारी चौहान की अमर पंक्तियां "खूब लड़ी मर्दानी वह तो झांसी वाली रानी थी" अब हकीकत में बदलने जा रही हैं। सरकार राजकीय माध्यमिक विद्यालयों में पढ़ने वाली बेटियों को 'रानी लक्ष्मीबाई आत्मरक्षा प्रशिक्षण योजना' के तहत आत्मरक्षा के गुर सिखाकर सशक्त बनाने की दिशा में बड़ा कदम उठाने जा रही है। सरकार में अपनी ओर से इसके लिए कदम उठा रही है और इस संदर्भ में आदेश और शासनादेश की जारी कर दिये गये हैं। 

इस योजना के अंतर्गत जनपद के 25 राजकीय माध्यमिक विद्यालयों की छात्राओं को तीन माह का विशेष प्रशिक्षण दिया जाएगा, जिससे वे विपरीत परिस्थितियों में खुद को सुरक्षित रखने में सक्षम बन सकें। सरकार की मंशा के अनुरूप ये ट्रेनिंग 3 महीने तक दी जायेगी। 

प्रशिक्षण के लिए नियुक्त होंगे ब्लैक बेल्ट प्रशिक्षक

प्रत्येक विद्यालय में आत्मरक्षा प्रशिक्षण के लिए एक प्रशिक्षक की तैनाती की जाएगी, जिसके पास मार्शल आर्ट में ब्लैक बेल्ट होना अनिवार्य होगा। प्रशिक्षक को प्रति विद्यालय ₹5000 प्रतिमाह मानदेय भी दिया जाएगा। एक प्रशिक्षक अधिकतम तीन विद्यालयों में प्रशिक्षण दे सकेगा।

महिला प्रशिक्षकों को प्राथमिकता
डीआईओएस दलसिंगार यादव ने बताया कि प्रशिक्षण कार्य महिला प्रशिक्षकों के माध्यम से कराया जाएगा। यदि महिला प्रशिक्षक उपलब्ध नहीं होती हैं तो पुरुष प्रशिक्षकों की नियुक्ति की जाएगी। इसके लिए आवेदन आमंत्रित किए जाएंगे और प्रशिक्षकों का चयन विद्यालय खुलते ही किया जाएगा।

जिला स्तरीय चयन समिति गठित
प्रशिक्षकों के चयन के लिए जिलाधिकारी, पुलिस अधीक्षक, जिला क्रीड़ा अधिकारी, डीआईओएस और सैयदराजा महिला राजकीय विद्यालय की प्रधानाचार्या की संयुक्त समिति गठित की गई है। जल्द ही बैठक कर प्रशिक्षकों का चयन किया जाएगा।

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