शिक्षामित्रों ने की धरनास्थल पर की श्रद्धांजलि सभा, मांगों को लेकर सौंपा ज्ञापन
जिले के 24 शिक्षामित्र को दी गई श्रद्धांजलि
अपनी मांगों का जिलाधिकारी ने सौंपा ज्ञापन
सरकार के सामने रखीं अपनी कई मांगे
चंदौली जिले के जिला मुख्यालय स्थित धरना स्थल पर शिक्षामित्र से शिक्षक बनने के बाद पुनः शिक्षामित्र बनाने के आदेश आने के बाद अपनी जान गंवाने वाले शिक्षामित्रों की याद में श्रद्धांजलि सभा का आयोजन किया गया। इसके बाद शिक्षामित्र संघ ने कैंडल हाथ में लेकर कैंडल मार्च भी किया और सरकार से अपनी मांगों का ज्ञापन जिला अधिकारी को सौंपा।
बता दें कि आज जिले के धरना स्थल पर शिक्षामित्रों ने सहायक अध्यापक के बाद फिर से शिक्षामित्र बनने के आदेश के लागू होने की बरसी पर श्रद्धांजलि सभा का आयोजन किया और इसे शोक के रूप में मनाने का काम किया। जिसमें शिक्षामित्र ने धरना स्थल पर श्रद्धांजलि सभा की और जिले के उन 24 शिक्षामित्रों को श्रद्धांजलि दी, जो इस फैसले को सहन नहीं कर पाए और अपनी जान गंवा दी थी।
वहीं शिक्षामित्र ने अपनी मांगों को लेकर सरकार से गुहार लगाते हुए कहा कि एक मजदूर की मजदूरी हम लोगों से अधिक है, जबकि हमें राष्ट्र निर्माता कहा जाता है, लेकिन हमें शिक्षक तो माना ही नहीं जा रहा है। तो कम से कम हम शिक्षामित्रों सम्मानजनक मानदेय दिया जाना चाहिए। सरकार से हम लोग जीवन यापन करने के बराबर मानदेय मांग रहे हैं। जिससे परिवार का भी भरण पोषण कर सकें। इन सभी मांगों का ज्ञापन जिला अधिकारी कार्यालय पर शिक्षामित्र संघ की ओर से सौंपा गया।
इस दौरान जिला शिक्षामित्र अध्यक्ष अजीत यादव ने बताया कि यह श्रद्धांजलि सभा ऐसे शिक्षा मित्रों की याद में आयोजित की गई है, जो अपनी प्राणों की बलि दे चुके हैं, लेकिन उन्हें शिक्षक का दर्जा नहीं मिल पाया। अब सरकार सभी को सम्मान दे रही है, तो हम शिक्षामित्र को भी सम्मान दे दे, ताकि हम अपने परिवार का भरण पोषण कर सकें।
इस अवसर पर संयुक्त मोर्चा संजय सिंह, संतोष सिंह, आनंद पांडेय, डा. सुनीता तिवारी, बलराम पाठक, अच्युदानंद तिवारी, अजीत तिवारी, सियाराम राय, धमेन्द्र पांडेय, संगीता सिंह, पूजा सिंह, श्यामदुलारी, उर्मिला, सुषमा मौर्या, कैलाश, लालजी, संजय जैन, रामकरन, राजन राय, दामोदर गुप्ता आदि उपस्थित रहे। संचालन महामंत्री राजेश सिंह व मनोज तिवारी ने किया।
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