सोशल आडिट सेमिनार में पढ़ा दिया गया इमानदारी का पाठ, देखिए कैसा मिला है रिजल्ट
सोशल आडिट सेमिनार का आयोजन
मनरेगा व प्रधानमंत्री आवास योजना ग्रामीण की कराई जा रही सोशल आडिट
चंदौली जिले के सदर ब्लाक सभागार में बुधवार को आजादी के अमृत महोत्सव के अवसर पर सोशल आडिट सेमिनार का आयोजन करके सोशल आडिट निदेशालय की ओर से ग्राम पंचायतों में मनरेगा व प्रधानमंत्री आवास योजना ग्रामीण की कराई जा रही सोशल आडिट के नियमों व तरीकों के साथ साथ होने वाले लाभ की चर्चा की गयी।
इस मौके पर चंदौली जिले के जिला विकास अधिकारी लक्ष्मण प्रसाद ने कहा कि सोशल आडिट (सामाजिक अंकेक्षण) का मु़ख्य उद्देश्य योजना में जन सहभागिता, पारदर्शिता व जवाबदेही तय करना है। मसलन मनरेगा में गांव में ही अकुशल श्रमिकों को सौ दिन का काम व पीएम आवास योजना में पात्र लाभार्थियों को लाभान्वित करना है।
उन्होंने बताया कि सोशल आडिट के तहत एक गांव में तीन दिन का रोस्टर निर्धारित किया जाता है। इसमें पहले दिन अभिलेख का सत्यापन, दूसरे दिन गांव में कराए गए कार्यों का स्थलीय सत्यापन के साथ डोर टू डोर श्रमिकों से किए गए कार्य की जानकारी और अंतिम दिन ग्राम सभा की बैठक की जाती है। इसमें पिछले दो दिनों में पाई गई कमियों के निस्तारण पर चर्चा की जाती है।
इसके साथ साथ कहा कि गांव के विकास में रोजगार सेवक, तकनीकी सहायक व पंचायत सचिव अहम कड़ी हैं। इनकी जिम्मेदारी बनती है कि वे विकास कार्यों में ईमानदारी से अपना सहयोग करें।
इस मौके पर मौजूद खंड विकास अधिकारी राहुल सागर ने कहा कि पंचायत सचिव, रोजगार सेवक मनरेगा के तहत कराए जाने वाले कार्यों की पत्रावली व अन्य अभिलेख अपडेट रखें ताकि आडिट के दौरान किसी प्रकार की समस्या न उत्पन्न हो।
वहीं जिला कोआर्डिनेटर सोनिया यादव ने रोजगार सेवकों व मनरेगा से जुड़े कर्मचारियों का आह्वान किया कि वे ईमानदारी से अपने कर्तव्यों का निर्वहन करें, ताकि आडिट के दौरान कम से कम कमियां उजागर हों।
इस अवसर पर एपीओ मनरेगा सुरेंद्र कुमार, ब्लाक कोआर्डिनेटर चित्रा बौद्ध, तकनीकी सहायक व रोजगार सेवक उपस्थित थे।
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