चंदौली में टिड्डी दल से निपटने के लिए बनी टास्क फोर्स, ऐसे होगा काम
tds_top_like_showtds_top_like_showtds_top_like_showtds_top_like_showtds_top_like_show
चंदौली जिले में टिड्डी दल का खतरा मंडराने के पहले ही टिड्डियों की निगरानी के लिए सीडीओ डा. एके श्रीवास्तव की अध्यक्षता में आपदा राहत दल गठित किया जा रहा है। इसके लिए फायर ब्रिगेड टीम को भी अलर्ट कर दिया गया है।
इसके खतरे को भांपकर नगर व ग्राम पंचायत प्रशासन को लो वाल्यूम स्प्रे मशीनें तैयार रखने का निर्देश दिया गया है, ताकि जरूरत पड़ने पर दवा का छिड़काव कराकर टिड्डी दल का प्रकोप रोका जा सके।
राजस्थान, मध्य प्रदेश, पंजाब प्रांत के साथ ही प्रदेश के झांसी जनपद में टिड्डी दल ने धावा बोल दिया है। इसके चलते शासन अलर्ट हो गया है। शासन के निर्देश पर जिला प्रशासन ने टिड्डी दल से फसलों के बचाव के लिए कवायद शुरू कर दी है। मुख्य विकास अधिकारी के नेतृत्व में आपदा राहत दल का गठन किया गया है। इसमें कृषि समेत अन्य विभागों के जिलास्तरीय अधिकारियों व कर्मचारियों को शामिल किया गया है।
इसके अलावा फायर ब्रिगेड, नगर व ग्राम पंचायत प्रशासन को अलर्ट कर दिया गया है। फायर ब्रिगेड की गाड़ियों के साथ कर्मी थाना स्तर पर जगह-जगह तैनात रहेंगे। इसके अलावा नगर व ग्राम पंचायत प्रशासन को भी लो वाल्यूम स्प्रे मशीनें तैयार रखने को कहा गया है, ताकि जरूरत पड़ने पर दवा का छिड़काव कराया जाए। वहीं नगरीय इलाकों में भी दवा का स्प्रे कराया जाएगा।
टिड्डी दल से धान की नर्सरी, सब्जी, मूंग, उड़द और ज्वार-बाजरा की फसलों को क्षति पहुंचने की आशंका है। दरअसल टिड्डियां पौधों की हरी पत्तियों को निगल जाती हैं। पत्तीविहीन पौधे कुछ दिनों में ही मुरझाकर सूख जाते हैं। इससे किसानों की खेतों में खड़ी फसल बर्बाद हो जाती है।
टिड्डी दल से फसलों के नुकसान की रिपोर्ट देने की जिम्मेदारी ग्राम प्रधान, लेखपाल, ग्राम पंचायत सचिव व कृषि विभाग के प्राविधिक सहायकों को सौंपी गई है। कर्मी उच्चाधिकारियों को फोनकर सूचित करेंगे। साथ ही किसानों को हुए नुकसान का लेखा-जोखा तैयार करेंगे।
चंदौली जिले की खबरों को सबसे पहले पढ़ने और जानने के लिए चंदौली समाचार के टेलीग्राम से जुड़े।*