विद्यालय मर्जर के विरोध में शिक्षक लामबंद, हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाने की हुई तैयारी

चंदौली जिले में 96 प्राथमिक विद्यालयों के मर्जर का विरोध तेज
शिक्षा विभाग ने 50 से कम छात्रों वाले स्कूलों के विलय का दिया आदेश
फैसले पर पुनर्विचार तक आंदोलन जारी रखने की चेतावनी
शिक्षक करेंगे 1 जुलाई को हाईकोर्ट में याचिका दायर
चंदौली जिले में प्राथमिक विद्यालयों के मर्जर (विलय) को लेकर शिक्षा विभाग के खिलाफ अब खुद शिक्षक ही मोर्चा खोलते नजर आ रहे हैं। विभाग द्वारा जनपद के 96 विद्यालयों को दूसरे विद्यालयों में मर्ज करने की योजना के खिलाफ शिक्षक लामबंद हो गए हैं और अब इस फैसले को न्यायालय में चुनौती देने की तैयारी की जा रही है।

शिक्षा विभाग का तर्क है कि जिन विद्यालयों में छात्र संख्या 50 से कम है, उन्हें आसपास के विद्यालयों में मर्ज कर दिया जाएगा ताकि संसाधनों का बेहतर उपयोग हो सके। लेकिन शिक्षक और अभिभावक इस फैसले से असहमत हैं। उनका कहना है कि एक-दूसरे के विद्यालयों की दूरी अधिक होने के कारण छोटे बच्चों को आने-जाने में कठिनाई होगी, जिससे न केवल बच्चों की उपस्थिति पर असर पड़ेगा, बल्कि शिक्षा की गुणवत्ता भी प्रभावित होगी।

इस निर्णय से सबसे अधिक प्रभावित नौगढ़ क्षेत्र है, जहां के 24 विद्यालयों को मर्ज किया जा रहा है। इससे ग्रामीण क्षेत्रों के बच्चों की शिक्षा पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ने की आशंका जताई जा रही है। इस पूरी व्यवस्था के विरोध में शिक्षक अब न्यायालय की शरण लेने जा रहे हैं।
जानकारी के अनुसार, शिक्षक अमित कुमार पांडे 1 जुलाई को इलाहाबाद हाईकोर्ट में याचिका दाखिल करेंगे। उन्होंने बताया कि यह फैसला न केवल शिक्षकों और छात्रों के हितों के खिलाफ है, बल्कि ग्रामीण शिक्षा व्यवस्था को भी कमजोर करेगा।
शिक्षकों का कहना है कि जब तक इस व्यवस्था पर पुनर्विचार नहीं होता, तब तक वे विरोध जारी रखेंगे। अब देखना यह होगा कि हाईकोर्ट इस मामले में क्या रुख अपनाता है और क्या मर्जर नीति पर रोक लगाई जा सकेगी।
चंदौली जिले की खबरों को सबसे पहले पढ़ने और जानने के लिए चंदौली समाचार के टेलीग्राम से जुड़े।*