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परिषदीय विद्यालयों के विलय के विरोध में शिक्षक संघ, राज्यसभा सांसद व डीएम को से मिलकर विरोध ​​​​​​​

संघ ने शासन से मांग की कि इस आदेश को अविलंब वापस लिया जाए और बच्चों के शैक्षिक भविष्य को सुरक्षित किया जाए। प्रतिनिधिमंडल ने कहा कि विद्यालयों का विलय समस्या का समाधान नहीं, बल्कि ग्रामीण शिक्षा तंत्र को कमजोर करने वाला कदम है।
 

 राज्यसभा सांसद साधना सिंह और जिलाधिकारी चंदौली से मुलाकात

विद्यालयों को पेयरिंग या मर्जर के माध्यम से बंद किए जाने का विरोध

आदेश को अविलंब वापस लेने की मांग

चंदौली जिले में उत्तर प्रदेशीय प्राथमिक शिक्षक संघ (सम्बद्ध अखिल भारतीय प्राथमिक शिक्षक संघ) का एक प्रतिनिधिमंडल कार्यवाहक जिलाध्यक्ष व वरिष्ठ उपाध्यक्ष रामइच्छा सिंह तथा जिला महामंत्री उपेन्द्र बहादुर सिंह के नेतृत्व में राज्यसभा सांसद साधना सिंह और जिलाधिकारी चंदौली से मिला। प्रतिनिधिमंडल ने मुख्यमंत्री को संबोधित ज्ञापन सौंपते हुए परिषदीय विद्यालयों के विलय पर रोक लगाने की मांग की।

teachers protest

ज्ञापन में उल्लेख किया गया कि शासन द्वारा 50 से कम छात्र संख्या वाले परिषदीय विद्यालयों को पेयरिंग या मर्जर के माध्यम से बंद किए जाने का आदेश जारी किया गया है, जो कि गरीब व वंचित वर्ग के बच्चों के हितों के विरुद्ध है। शिक्षक संघ ने तर्क दिया कि इस निर्णय से उन बच्चों की शिक्षा बाधित होगी जो दूर-दराज के क्षेत्रों में रहते हैं और उनके लिए नजदीकी स्कूल ही एकमात्र शैक्षणिक साधन है। यह संविधान में निहित शिक्षा के अधिकार का भी उल्लंघन है।

संघ ने शासन से मांग की कि इस आदेश को अविलंब वापस लिया जाए और बच्चों के शैक्षिक भविष्य को सुरक्षित किया जाए। प्रतिनिधिमंडल ने कहा कि विद्यालयों का विलय समस्या का समाधान नहीं, बल्कि ग्रामीण शिक्षा तंत्र को कमजोर करने वाला कदम है।

teachers protest

प्रतिनिधिमंडल में जिला कोषाध्यक्ष सच्चिदानंद पाण्डेय, जिला उपाध्यक्ष धीरेन्द्र विक्रम सिंह, हरेन्द्र प्रताप सिंह, प्रभात कुमार गुप्ता, श्रीनिवास खरवार, हातिम अली, ओमप्रकाश यादव, मनोज पाल, सुधीर सिंह, रामप्रकाश, नरेंद्र यादव, इमरान अली, दीपक केशरी, शमशेर बहादुर सिंह और शहबाज आलम शामिल रहे।

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