सरकार की कार्यशैली से नाखुश हैं शिक्षक, धरना प्रदर्शन करके मांगी पुरानी पेंशन

शिक्षा व्यवस्था पर प्रदेश सरकार नहीं दिखा रही गंभीरता
पुरानी पेंशन बहाली के लिए शिक्षकों ने दिया धरना
2005 के बाद भर्ती शिक्षकों को चाहिए पुरानी पेंशन की सुविधा
चंदौली जिले में उत्तर प्रदेशीय प्राथमिक शिक्षक संघ के पदाधिकारियों व सदस्यों ने बृहस्पतिवार को बीएसए कार्यालय पर विभिन्न मांगों के समर्थन में धरना दिया। वहीं शिक्षकों ने पुरानी पेंशन की सुविधा प्रदान किए जाने की मांग की। आरोप लगाया कि प्रदेश सरकार शिक्षा व्यवस्था को लेकर गंभीर नहीं हैं। ऐसे में बगैर शिक्षकों को उचित सुविधाएं प्रदान किए शिक्षा व्यवस्था को बेहतर नहीं बनाया जा सकता हैं।

इस दौरान जिलाध्यक्ष आनंद सिंह ने कहा कि यूपी के परिषदीय विद्वालयों में तैनात शिक्षकों की हालत काफी खराब हैं। लोग बुनियादी सुविधाओं और पेंशन जैसी सुविधाओं सुविधाओं के लिए काफी समय से संघर्ष कर रहे है। कहा कि संगठन के द्वारा वर्ष 2005 के बाद भर्ती शिक्षकों को पुरानी पेंशन की सुविधा की मांग किया जा रहा हैं, लेकिन सरकार के द्वारा इन मांगों पर विचार नहीं किया गया। जिससे शिक्षकों में सरकार के रवैए के प्रति गहरी नाराजगी हैं।
उन्होने कहा कि बेसिक शिक्षा विभाग में तैनाती के 12 साल से अधिक से कार्यरत शिक्षकों को प्रोन्नत करने का भी प्रस्ताव दिया गया। इस दिशा में भी कोई ठोस पहल नहीं हुई। इसके अलावा शिक्षकों के स्थानांतरण की प्रकिया को आसान करने, चयन वेतनमान, मानव संपदा पोर्टल पर संसोधन, छात्रों के नामांकन में आधार कार्ड की अनिवार्यता को समाप्त करने की मांग की।

आरोप लगाया कि शासन ने सभी मांगों को ठंडे बस्ते में डाल दिया। ऐसे में शिक्षकों ने शासन में बैठे लोगों की कुंभकर्णी निद्रा तोड़ने के लिए धरना पदर्शन करने का काम किया हैं। उम्मीद है कि सरकार के कानों तक आंदोलन के माध्यम से शिक्षकों की मांग पहुंच जाएगी। इस मौके पर देवेंद्र प्रताप यादव, दिलीप कुमार, मिथिलेश कुमार, राजेश सिंह आदि मौजूद रहे।
चंदौली जिले की खबरों को सबसे पहले पढ़ने और जानने के लिए चंदौली समाचार के टेलीग्राम से जुड़े।*