बोर्ड परीक्षा केन्द्र बनाने के लिए लगाए जा रहे जुगाड़, जानिए कहां-कहां से आ रही है पैरवी
अपने विद्यालय को केंद्र बनवाने की जुगत में लग गए विद्यालयों के संचालक
शिक्षा विभाग को मिल चुकी हैं 43 आपत्तियां
निस्तारण के बाद ही जारी होगी फाइनल बोर्ड परीक्षा केंद्र की सूची
चंदौली जिले में माध्यमिक शिक्षा परिषद के हाईस्कूल व इंटरमीडिएट की परीक्षा के लिए तिथि घोषित कर दी गई है। केंद्रों का नाम सूची में शामिल नहीं हो पाने वाले स्कूलों के संचालक परेशान हैं। वह अपने विद्यालय को केंद्र बनवाने की जुगत में लग गए हैं। इसके लिए प्रत्यावेदन के साथ ही अब राजधानी (लखनऊ) से सिफारिशें करा रहे हैं।
खासतौर पर ग्रामीण क्षेत्र के स्कूल संचालक प्रत्यावेदन देने के बाद अपने स्कूलों के पक्ष में सकारात्मक रिपोर्ट लगवाने के लिए चक्कर काट रहे हैं। इसकी पुष्टि खुद डीआइओएस ने दबी जुवान की है। वही शासन के एक मंत्री केंद्र बनाने की पैरवी कर चुके हैं। हालांकि बोर्ड मानक के विपरीत वाले विद्यालय को किसी हालत में केंद्र नहीं बनाने के पक्ष में है।
जनपद में परीक्षा के लिए 80 विद्यालयों को परीक्षा केंद्र प्रस्तावित किया गया है। पिछली बार की तुलना में इस बार आठ केंद्र कम हैं। 10 नवंबर को परीक्षा केंद्रों की अनंतिम सूची भी जारी की गई थी और इस पर 14 नवंबर तक प्रत्यावेदन मांगे गए थे। अंतिम तिथि तक 43 प्रत्यावेदन और आपत्तियां शिक्षा विभाग को आनलाइन मिल चुकी थीं। अब इनके निस्तारण पर मंथन चल रहा है। जिन नए विद्यालयों की ओर से परीक्षा केंद्र बनाने के लिए प्रत्यावेदन दिए गए हैं, उनके मानकों का सत्यापन कराया जाएगा। यदि सत्यापन में वह खरे उतरते हैं तो उनको केंद्र बनाने की रिपोर्ट जिला स्तरीय समिति को भेजी जाएगी। जिला स्तरीय समिति इस पर निर्णय लेगी।
इस बीच कुछ संचालक अपने विद्यालयों को परीक्षा केंद्र बनवाने के प्रयास में जुट गए हैं। उनकी पहली कोशिश है कि प्रत्यावेदन पर उनके पक्ष में रिपोर्ट लग जाए, ताकि उनके विद्यालय को परीक्षा केंद्र बनाने की प्रक्रिया आगे बढ़ सके। वहीं, ग्रामीण क्षेत्र के जिन विद्यालयों का परीक्षा केंद्र शहरी क्षेत्र में बना दिया गया है, उनके संचालक भी अपना परीक्षा केंद्र आसपास के गांव में ही शिफ्ट कराने के लिए भागदौड़ कर रहे हैं।
इस संबंध में जिला विद्यालय निरीक्षक दल सिंगार यादव का कहना है कि परीक्षा केंद्रों की फाइनल सूची गाइडलाइन के अनुसार ही जारी होगी। अभी तक एसडीएम की ओर से सत्यापन कराया गया है। इसके बाद जनपदीय समिति की बैठक में केंद्रों के संबंध में अंतिम निर्णय लिया जाएगा। मानक के विपरीत विद्यालय केंद्र नहीं बनेंगे।
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