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क्या एसपी अनिल कुमार अबकी बार कर देंगे.. दूध का दूध पानी का पानी, देखना है क्या करती है पुलिस

वैसे तो भाजपा सरकार में विकास कार्यों का दावा किए जाने के साथ-साथ भू माफियाओं की कमर तोड़ने का दावा किया जाता है, लेकिन कई जिलों में सरकार की इस छवि को धूमिल करने वाले अधिकारी लोगों की मदद करने के बजाय कब्जेदारों की मदद करने लगे हैं।
 

डीएम-एसपी के आदेश नहीं मानते मातहत

6 जनवरी को चकिया में दिया था आदेश

एक बार फिर से लगायी है मदद की गुहार

देखिए अबकी बार एसपी क्या लेते हैं एक्शन 

वैसे तो भाजपा सरकार में विकास कार्यों का दावा किए जाने के साथ-साथ भू माफियाओं की कमर तोड़ने का दावा किया जाता है, लेकिन कई जिलों में सरकार की इस छवि को धूमिल करने वाले अधिकारी लोगों की मदद करने के बजाय कब्जेदारों की मदद करने लगे हैं। सरकारी अफसरों के ऊपर एक पीड़ित परिवार ने बड़ा आरोप लगाकर अपनी फरियाद करके अपने लिए मदद की गुहार लगायी है। 

बता दें कि पीड़ित परिवार  न्याय की आस में दफ्तरों के चक्कर काट रहा है। विकलांग पति के साथ उसकी पत्नी ने एसपी चंदौली कार्यालय पहुंचकर एक बार फिर प्रार्थना पत्र सौंपा और न्याय की गुहार लगाई है। पीड़ित महिला ने कहा कि वह अवैध अतिक्रमणकारियों के खिलाफ विगत चार वर्षों से 100 से ज्यादा प्रार्थना पत्र देकर न्याय की गुहार लगाई गई लेकिन कोई अधिकारी मदद करने की पहल नहीं करता है, केवल अप्लीकेशन लेकर रख लेता है। 

मीडिया के समक्ष पीड़ित अंकित कुमार सिंह निवासी रामपुर कला थाना चकिया ने बताया कि उसके द्वारा लगातार चार वर्षों से संगठित भू –माफिया अपराधियों के खिलाफ लगातार प्रार्थना पत्र देकर जिला मंडल व शासन को अवगत कराया लेकिन तहसील राजस्व चकिया द्वारा अतिक्रमण खाली कराने में कोई रुचि नहीं दिखाई गई।

पीड़ित परिवार की महिला ने आरोप लगाया कि चार वर्षों से अनेकों तहसील दिवस एवं मुख्यमंत्री जनता दरबार में 11 बार प्रार्थना पत्र देने के बाद भी अतिक्रमण खाली नहीं कराया गया। इस दौरान डीएम द्वारा जारी विशेष आदेश पर भी क्षेत्रीय अधिकारियों द्वारा गलत रिपोर्ट लगाकर मामले को रफा–दफा कर दिया गया। कहा की पैतृक भूमि की सरकारी नाली पर दबंगों का अतिक्रमण है, साथ ही दस दिसंबर की रात उसके खलिहान में रखे पुआल की बोझ में आग लगा दिया गया। लेकिन पीड़ित के प्रार्थना पत्र पर कोई कार्रवाई अमल में नहीं लाई गई।

महिला ने बताया कि वर्तमान डीएम ने  जब 6 जनवरी को चकिया प्रशासन को सख्त निर्देश दिया कि समस्या का तुरंत निस्तारण किया जाए, लेकिन उसके बाद भी आज तक ना तो राजस्व विभाग से कोई मौके पर आया और ना ही पुलिस महकमे से कोई गया। इस दौरान उन्होंने एक बार फिर से एसपी चंदौली से न्याय की गुहार लगाई है।

पीड़ित की पत्नी स्नेहा पटेल ने बताया कि चार वर्षों से लगातार न्याय की गुहार लगाते हुए अधिकारियों की दरों पर चक्कर काट रहें हैं। मुख्यमंत्री जनता दरबार से लेकर हर जगह न्याय की आस लगाए हुए प्रार्थना पत्र दे चुके हैं, अब कहां जाएं। अब तो जान माल का भी खतरा लग रहा है। अतिक्रम्नकारी दबंग किस्म के लोग हैं पति को जान से मारने की धमकी तक देते हैं। डर के कारण इकलौते पुत्र ( पांच वर्षीय) को बाहर भी नहीं खेलने जाने देते हैं। जमीन पर कब्जा, नाली पर कब्जा, खलिहान में रखे पुआल में आग लगा देने के बावजूद भी प्रार्थना पत्रों पर सुनवाई नहीं हुई।

 हालांकि इस दौरान उन्होंने एसपी चंदौली डा अनिल कुमार से न्याय की मांग की है। हालांकि देखना भी लाजिमी होगा कि फरियादियों की समस्याओं पर तत्काल निस्तारण के लिए कटिबद्ध जनपद के पुलिस अधीक्षक पीड़ित पक्ष को कब तक न्याय दिलाते हैं। 

विदित हो कि इससे पूर्व भी इस पीड़ित परिवार द्वारा अतिक्रमणकारियों पर कोई भी कारवाई क्षेत्रीय अधिकारियों द्वारा अमल में नहीं लाए जाने पर पीड़ित ने परिजनों समेत तत्कालीन डीएम से इच्छा मृत्यु की मांग की थी।

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