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ग्रीष्मकालीन अवकाश में भी जारी रहेगा विफ्स कार्यक्रम, छात्रों को घर पर मिलेंगी आयरन की गोलियां

कार्यक्रम के अन्तर्गत समस्त सरकारी एवं सरकारी सहायता प्राप्त विद्यालयों में 05 से 19 वर्ष के छात्र छात्राओं को विद्यालय के माध्यम से प्रति सप्ताह आयरन की पिंक / नीली गोली खिलाई जाती है।
 

बेसिक शिक्षा अधिकारी ने विद्यालयों को आयरन वितरण के जारी किए निर्देश

5 से 19 वर्ष के बच्चों को अभिभावकों की निगरानी में दी जाएंगी गोलियां

विद्यालय बंद होने पर भी विफ्स कार्यक्रम की निरंतरता बनी रहेगी

ग्रीष्मकालीन अवकाश के दौरान भी छात्रों के पोषण और स्वास्थ्य को ध्यान में रखते हुए साप्ताहिक आयरन फोलिक एसिड सम्पूर्ण कार्यक्रम (विफ्स) को निरंतर बनाए रखने की दिशा में अहम कदम उठाया गया है। बेसिक शिक्षा अधिकारी ने एक आधिकारिक पत्र के माध्यम से जनपद के सभी प्राथमिक एवं उच्च प्राथमिक विद्यालयों को निर्देश जारी करते हुए कहा है कि छात्रों को गर्मी की छुट्टियों में भी आयरन की गोलियां नियमित रूप से मिलती रहें, इसके लिए आवश्यक व्यवस्था की जाए।

आपको बता दें कि कार्यक्रम के अन्तर्गत समस्त सरकारी एवं सरकारी सहायता प्राप्त विद्यालयों में 05 से 19 वर्ष के छात्र छात्राओं को विद्यालय के माध्यम से प्रति सप्ताह आयरन की पिंक / नीली गोली खिलाई जाती है। प्रदेश में ग्रीष्मकालीन अवकाश के दौरान छात्रों को नियमित रूप से अभिभावकों के माध्यम से आयरन गोलियों के उपभोग की निरंतरता बनाये रखने के लिए अपेक्षित है कि-

1. ग्रीष्मकालीन अवकाश में विद्यालय बन्द हो जाने के कारण छात्रों को अभिभावकों की निगरानी में प्रति सप्ताह आयरन की गोलियां खिलाने के लिए प्रत्येक छात्र को 08 आयरन की गोलिया (2 माह हेतु) अध्यापक द्वारा
उपलब्ध करा दी जायें तथा उपलब्ध करायी गयी गोलियों का विवरण विफ्स रजिस्टर में अंकित कराकर उसकी
रिपोर्ट ब्लाक मुख्यालय को उपलब्ध करायी जाये ।
2. कक्षा 1 से 5 तक के विद्यार्थियों के लिए आयरन की पिंक गोलिया तथा 6 से 12 तक के विद्यार्थियों के लिए
आयरन की नीली गोली वितरित की जानी है।

3. कार्यक्रम की सफलता के लिए आवश्यक है कि शिक्षा विभाग की मासिक विभागीय बैठक में विफ्स कार्यक्रम की समीक्षा प्रतिमाह किया जाना सुनिश्चित किया जाये ।

4. विफ्स ग्रीष्मकालीन हैण्डआउट्स (प्रति संलग्न) का सोशल मीडिया, व्हाटसअप मैसेजद्वारा प्रचार-प्रसार किया जाए।उक्त के क्रम में आपको निर्देशित किया जाता है कि ग्रीष्मावकाश में विद्यालयवार उपलब्धता के आधार पर दवा उपलब्ध नहीं है तो अपने ब्लाक स्वास्थ्य केन्द्र से लिखित रूप में डिमान्ड कर अध्यापकों को उपलब्ध कराते हुए बच्चों को घर के लिए सही तरीके से दवा लेने के प्रेरित करना सुनिश्चित करें ।

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