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दारू के मामले में लाभकारी रहा मार्च, एक महीने में पी गए 46 करोड़ की शराब

खेती किसानी के लिए जाने जाना वाला जिले में इस साल शराब की खपत पिछले साल के मुकाबले अधिक रही है। यहां गौर करने वाली बात यह है कि पूरे साल में सबसे ज्यादा बिक्री मार्च में हुई।
 

दारू पीने वालों ने खूब भरा सरकार का खजाना

46 करोड़ की शराब पी गए लोग

सालभर में मिला 563 करोड़ का राजस्व

चंदौली जिले में प्रदेश के आकांक्षात्मक जिले चंदौली में इस वर्ष केवल मार्च महीने में ही लोग 46 करोड़ की शराब पी गए हैं। मार्च महीने में होली का त्योहार होने से तीन-चार दिन तक शराब की सबसे ज्यादा बिक्री होती है।

आपको बता दें कि इस बार मार्च महीने में हुई शराब की बिक्री पिछले साल के मार्च महीने से छह करोड़ ज्यादा है। पिछले साल मार्च महीने में 39 करोड़ की शराब बिकी थी।

बताते चलें कि पिछले साल के मुकाबले वित्त वर्ष 2023-24 में 50 करोड़ रुपये अधिक की शराब बिकी। आबकारी विभाग के आंकड़ों के मुताबिक जिले की कुल 255 (देशी शराब की 114, विदेशी की 76 और बीयर की 61 और चार मॉडल शॉप) शराब की दुकानों से 563 करोड़ रुपये की शराब बेची गई। इसमें फाल्गुन माह मार्च में 46 करोड़ रुपये की शराब की बिक्री हुई। वहीं, पिछले साल 513 करोड़ रुपये की शराब की बिक्री हुई थी। इसमें मार्च में 39 करोड़ की शराब की बिक्री की गई।

खेती किसानी के लिए जाने जाना वाला जिले में इस साल शराब की खपत पिछले साल के मुकाबले अधिक रही है। यहां गौर करने वाली बात यह है कि पूरे साल में सबसे ज्यादा बिक्री मार्च में हुई। धान की फसल के उत्पादन के लिए प्रदेश भर में धान का कटोरा जाना जाता है, लेकिन इस बार शराब गटकने के मामले में आगे बढ़ा है। होली के मौके पर शराब की बिक्री में उछाल दिखा।

वहीं सर्दी में शराब की खपत ज्यादा हुई है। बीते वित्त वर्ष 2023- 24 में आबकारी विभाग को 563 करोड़ का राजस्व मिला है। पिछले साल के मुकाबले खपत और बिक्री में 50 करोड़ रुपये की बढ़ोतरी हुई है। पिछले साल शराब की विक्री 513 करोड़ रुपये हुई थी।

सर्दी में भी बढ़ जाती है बिक्री

जिले में देशी शराब की दुकानें 114, विदेशी 76 और बीयर की 61 और चार मॉडल है। शराब बिक्री करने वाले कई दुकानदारों का कहना है कि शराब बिक्री के मामले में सर्दी का मौसम सबसे अच्छा होता है। सर्दी के मौसम में खपत 20 से 25 फीसदी तक बढ़ जाती है। जबकि, जुलाई से सितंबर तक बारिश के महीने में खपत काफी कम हो जाती है। अक्तूबर से जून तक भी ठीक ठाक खपत होती है। वहीं, मार्च में भी खासकर  होली में शराब की खपत पांच करोड़ रुपये अधिक होती है।


इस संबंध में चंदौली जिले के जिला आबकारी अधिकारी सुभाष चंद्र यादव ने बताया कि पिछले वित्त वर्ष के मुकाबले इस वर्ष 255 दुकानों के माध्यम से 563 करोड़ रुपये की शराब की बिक्री हुई जो पिछले साल के मुकाबले 50 करोड़ अधिक है। मार्च में पिछले साल 39 करोड़ तो इस वर्ष 46 करोड़ रुपये का राजस्व मिला।

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