पंडित कमलापति त्रिपाठी राजकीय स्नातकोत्तर महाविद्यालय में महिला दिवस का आयोजन

अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस पर चर्चा
महिलाओं के सशक्तिकरण के लिए सबका साथ जरूरी
शक्ति और ऊर्जा का स्रोत हैं महिलाएं
अपने अध्यक्ष उद्बोधन में उन्होंने महिलाओं के सशक्तिकरण हेतु किए जाने वाले प्रयासों की चर्चा की और उपस्थित छात्र-छात्राओं से अपील की कि वह भी महिलाओं की उन्नति सशक्तिकरण और समाज में व्याप्त विषमता को दूर करने के लिए प्रयास करें। आगे कहती हैं कि समाज में महिलाओं का योगदान अत्यंत महत्वपूर्ण है, वे शक्ति और ऊर्जा का स्रोत हैं। जो विकास और प्रगति को आगे बढ़ाती हैं, और हर क्षेत्र में अपनी महत्वपूर्ण भूमिका निभाती हैं।

विभिन्न क्षेत्रों में महिलाओं का योगदान:
आर्थिक क्षेत्र:
महिलाएं अर्थव्यवस्था में महत्वपूर्ण योगदान देती हैं। वे श्रम शक्ति में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती हैं और व्यवसायों की वृद्धि और विकास में योगदान देती हैं।
सामाजिक क्षेत्र:
वे परिवार और समाज के विकास में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती हैं, शिक्षा, स्वास्थ्य और पोषण के स्तर को बेहतर बनाने में मदद करती हैं।

राजनीतिक क्षेत्र:
महिलाएं राजनीति में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाती हैं। वे नीति-निर्माण और निर्णय लेने में सक्रिय रूप से भाग लेती हैं।
शैक्षिक क्षेत्र:
महिलाएं शिक्षा के क्षेत्र में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाती हैं। वे बच्चों को शिक्षित करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती हैं और अपने ज्ञान और अनुभव को दूसरों के साथ साझा करती हैं।
वैज्ञानिक और तकनीकी क्षेत्र:
महिलाएं विज्ञान और प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में भी महत्वपूर्ण योगदान दे रही हैं, वे अनुसंधान और विकास में सक्रिय रूप से भाग लेती हैं और नए और बेहतर समाधान खोजने में मदद करती हैं।
सशक्तिकरण:
महिला सशक्तिकरण से तात्पर्य है महिलाओं की स्वतंत्रता और समानता तथा उनके द्वारा स्वयं के अधिकारों का अधिक से अधिक उपयोग करने का सार्थक प्रयास।
निष्कर्ष:
महिलाओं को समाज में समान अवसर और अधिकार मिलने चाहिए, ताकि वे अपनी पूरी क्षमता के साथ समाज और राष्ट्र के विकास में योगदान कर सकें।
डॉक्टर सुमना मुखर्जी ने अपने उद्बोधन में समाज में व्याप्त असमानता को दूर करने के लिए किए जाने वाले प्रयासों पर प्रकाश डाला और इस बात पर बोल दिया कि महिलाओं की उन्नति से ही समाज की उन्नति और राष्ट्र की उन्नति संभव है।
डॉ रितु खरवार ने कविता के माध्यम से महिला सशक्तिकरण के संदर्भ में अपने भाव व्यक्त किये। उन्होंने अपने विचार व्यक्त करते हुए कहां की पुरुषों के सहयोग के बिना महिलाओं की उन्नति संभव नहीं है ऐसे में आवश्यकता है कि पुरुष वर्ग भी महिलाओं के सशक्तिकरण और उन्नयन में बढ़ चढ़कर भागीदारी सुनिश्चित करें।
इस अवसर पर अशोक कुमार यादव, अरविंद कुमार, कन्हैया लाल भारती, रविंद्र यादव, अमित कुमार, दिलशाद अंसारी, रविकांत भारद्वाज, अनुराधा पांडे आदि उपस्थित रहे। कार्यक्रम का संचालन पवन गुप्ता ने किया।
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