जिले का पहला ऑनलाइन न्यूज़ पोर्टलMovie prime

विश्व उच्च रक्तचाप दिवस पर हरिओम हॉस्पिटल में निःशुल्क मेडिकल कैम्प, 117 मरीजों की ब्लड प्रेशर की जांच ​​​​​​​

चंदौली जिले के जिला मुख्यालय स्थित हरिओम हॉस्पिटल में हर वर्ष की भांति इस वर्ष 17 मई को विश्व उच्च रक्तचाप दिवस  अर्थात् वर्ल्ड हाइपरटेंशन डे' मनाया गया
 

24 मरीजों को निशुल्क ब्लड प्रेशर की दी गयीं दवाएं

 डॉ विवेक सिंह ने मरीजों को ब्लड प्रेशर खतरों से किया आगाह

इस बीमारी के बारे में जागरूकता भी जरूरी

 

चंदौली जिले के जिला मुख्यालय स्थित हरिओम हॉस्पिटल में हर वर्ष की भांति इस वर्ष 17 मई को विश्व उच्च रक्तचाप दिवस  अर्थात् वर्ल्ड हाइपरटेंशन डे' मनाया गया और लोगों को इस बीमारी के खतरे व उपचार के तरीकों के बारे में बताया गया।  

इस कार्यक्रम का उद्देश्य लोगों को हाइपरटेंशन यानी उच्च रक्तचाप के प्रति जागरूक करना होता है। इसी कड़ी में हरिओम हॉस्पिटल द्वारा एक निःशुल्क मेडिकल कैम्प का आयोजन किया गया, जिसमें कुल 117 मरीजों का ब्लड प्रेशर की जाँच की गई और 24 मरीजों को निःशुल्क ब्लड प्रेशर की दवाएं वितरित की गईं।

इस कैम्प में प्रमुख रूप से डॉक्टर विवेक सिंह ने उपस्थित लोगों को ब्लड प्रेशर की समस्याओं, उनके कारणों और बचाव के उपायों के बारे में विस्तृत जानकारी देकर जागरूक किया। उन्होंने बताया कि हाइपरटेंशन को ‘साइलेंट किलर’ कहा जाता है क्योंकि इसके लक्षण अक्सर नजर नहीं आते और यह धीरे-धीरे शरीर को नुकसान पहुँचाता है।

World Hypertension Day

डॉ. विवेक सिंह के अनुसार, हाइपरटेंशन किसी भी उम्र में हो सकता है, लेकिन 18 से 50 वर्ष की आयु के लोगों में इसकी संभावना अधिक रहती है। 60 वर्ष की उम्र से पहले पुरुषों में उच्च रक्तचाप का खतरा अधिक होता है, जबकि इसके बाद स्त्री-पुरुषों में जोखिम बराबर हो जाता है।

हाइपरटेंशन के प्रमुख कारणों में तनाव, गलत खानपान, व्यायाम की कमी, शराब व धूम्रपान जैसी आदतें और पारिवारिक इतिहास शामिल हैं। इस रोग से बचने के लिए जीवनशैली में सुधार जरूरी है। स्वस्थ और संतुलित भोजन, नियमित व्यायाम, पर्याप्त नींद और तनाव नियंत्रण इससे बचाव में अहम भूमिका निभाते हैं।

कैम्प में यह भी बताया गया कि भावनाएं, सोच और आदतें आपस में जुड़ी होती हैं। सोच में परिवर्तन से आदतें बदलती हैं और आदतों से हमारी भावनाओं पर असर पड़ता है। यदि हम इनमें से किसी एक को भी सुधारें, तो हमारा संपूर्ण स्वास्थ्य सुधर सकता है।

डॉ. सिंह ने यह भी सुझाव दिया कि गुस्से को नियंत्रण में रखना भी जरूरी है, क्योंकि क्रोध भी उच्च रक्तचाप को बढ़ावा देता है। जो लोग कम गुस्सा करते हैं और मानसिक रूप से शांत रहते हैं, वे अपेक्षाकृत कम बीमार पड़ते हैं।

कैम्प के अंत में अस्पताल प्रशासन ने लोगों से अपील की कि वे अपनी जीवनशैली को संतुलित रखें और नियमित रूप से अपने ब्लड प्रेशर की जाँच कराते रहें, जिससे समय रहते किसी भी गंभीर बीमारी से बचा जा सके।

इस आयोजन ने न केवल मरीजों को लाभ पहुँचाया, बल्कि उच्च रक्तचाप जैसी गंभीर बीमारी के प्रति जागरूकता बढ़ाने में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।

चंदौली जिले की खबरों को सबसे पहले पढ़ने और जानने के लिए चंदौली समाचार के टेलीग्राम से जुड़े।*