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नाबालिग से रेप में बलात्कारी को 14 साल की सजा, जानिए क्या था मामला

न्यायाधीश (पास्को अधिनियम) राजेंद्र प्रसाद की अदालत ने शुक्रवार को बालिका से साथ हुई बलात्कार के मामले की सुनवाई की। इसमें दोष सिद्ध होने पर आरोपी को 14 साल की कठोर कारावास की सजा सुनाई।
 

चकिया इलाके में मासूम से रेप

2016 में दर्ज हुआ था मामला

पास्को कोर्ट ने सुनाया फैसला

चंदौली जिले के विशेष न्यायाधीश (पास्को अधिनियम) राजेंद्र प्रसाद की अदालत ने शुक्रवार को बालिका से साथ हुई बलात्कार के मामले की सुनवाई की। इसमें दोष सिद्ध होने पर आरोपी को 14 साल की कठोर कारावास की सजा सुनाई। वहीं 10 हजार रुपया जुर्माना लगाया। जुर्माना अदा न करने पर दो साल की अतिरिक्त सजा का फैसला सुनाया। इस मामले में कोर्ट में अभियोजन की ओर से विशेष अधिवक्ता पास्को शमशेर बहादुर सिंह ने मुकदमे की पैरवी की। 

जानकारी के अनुसार चकिया नगर क्षेत्र की 10 वर्षीय पीड़िता की मां आरोप था कि उसकी पुत्री कक्षा चार में पढ़ती है। बेटी के स्कूल आते-जाते समय आरोपी आए दिन छेड़खानी और अश्लील हरकत करता था। पीड़िता की मां ने इस संबंध में 23 जून 2016 को थाने में मुकदमा दर्ज कराया था। इस पर आरोपी युवक ने पीड़िता और उसकी मां को उठवाने और गलत काम करने की धमकी भी दी थी। विवेचना के दौरान अपने बयान में आरोपी पर घर में घुसकर बलात्कार करने का आरोप भी पीड़िता ने लगाया।

 इस पर पुलिस ने धारा 3/4 पास्को एक्ट की बढोत्तरी करते हुए मामले को न्यायालय में पेश किया। इसकी सुनवाई विशेष न्यायाधीश पास्को अधिनियम की कोर्ट में हुई। इसमें आरोप सिद्ध होने पर आरोपी को धारा 504 आईपीसी में एक साल, 506 आईपीसी में दो साल, धारा आठ पास्को अधिनियम में ढाई वर्ष और धरा 4 (1) पास्को अधिनियम में 14 साल की कठोर कारावास की सजा से दंडित किया। वहीं 10 हजार रुपया जुर्माना भी लगाया। अर्थदंड अदा न करने पर दो साल की अतिरिक्त सजा भुगतनी होगी। कोर्ट के इस फैसले से पीड़िता को छह साल बाद न्याय मिला है।

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