4 शातिर ठग नकली नोटों के साथ अरेस्ट, मोबाइल फोन और दो मोटरसाइकिलें भी बरामद
नकली नोटों से ठगी करने वाले चार आरोपी गिरफ्तार
58 गड्डी चूरन वाले नोट और दो बाइक बरामद
जानिए कैसे खेला जाता है असली-नकली नोटों का खेल
चंदौली जनपद की बलुआ थाना पुलिस ने बड़ी कार्रवाई करते हुए ठगी के इरादे से नकली "चूरन वाले नोटों" का इस्तेमाल करने वाले चार शातिर आरोपियों को गिरफ्तार किया है। आरोपियों के कब्जे से भारी मात्रा में नकली नोट, असली नोट, मोबाइल फोन और दो मोटरसाइकिलें बरामद की गईं।

पुलिस अधीक्षक आदित्य लांग्हे के निर्देश पर अपराधियों के खिलाफ चलाए जा रहे अभियान के तहत यह कार्रवाई की गई। अपर पुलिस अधीक्षक अनंत चन्द्रशेखर और क्षेत्राधिकारी सकलडीहा रघुराज के पर्यवेक्षण में बलुआ थाना प्रभारी डॉ. आशीष कुमार मिश्रा के नेतृत्व में गठित टीम ने यह सफलता हासिल की।
दिनांक 21 जुलाई को ग्राम रमौली में मौजूद पुलिस टीम को मुखबिर से सूचना मिली कि कुछ लोग असली नोटों के बीच नकली चूरन वाले नोट छिपाकर आम जनता के साथ ठगी कर रहे हैं। सूचना के आधार पर पुलिस टीम टेढ़ी पुलिया नहर के पास पहुंची, जहां दो संदिग्ध मोटरसाइकिल सवारों को रोकने का प्रयास किया गया। लेकिन पुलिस को देखकर वे भागने लगे। तत्परता दिखाते हुए पुलिस टीम ने चारों को घेराबंदी कर दबोच लिया।
गिरफ्तार आरोपियों की पहचान अरबिंद राजभर (आजमगढ़), सरताज आलम (चंदौली), पवन यादव (गाजीपुर) और अब्दुल बुरूज (वाराणसी) के रूप में हुई है। इनके पास से 58 गड्डी नकली ₹200 के नोट, 4 गड्डी असली ₹200 के नोट, 4 एंड्रॉइड मोबाइल फोन, एक होंडा सीबी साइन (UP65BP6629) और एक हीरो स्प्लेंडर प्लस (UP65FC3280) बरामद की गई है।
पूछताछ के दौरान आरोपियों ने बताया कि वे लोगों को पहले असली नोट देकर यह विश्वास दिलाते थे कि यह नकली नोट है जो बाजार में आसानी से चल जाएगा। इसके बाद वे पूरी गड्डी में सिर्फ दोनों सिरों पर असली नोट लगाकर बीच में पूरी नकली नोटें भर देते थे और पारदर्शी टेप से उन्हें सील कर देते थे। मौका पाकर गड्डी पकड़ा कर फरार हो जाते थे। इस काम के बदले उन्हें 30 प्रतिशत कमीशन मिलने की उम्मीद रहती थी।
चारों आरोपियों के खिलाफ थाना बलुआ में मुकदमा संख्या 172/2025, धारा 318(2) बीएनएस के तहत केस दर्ज कर विधिक कार्रवाई की जा रही है।
इस सफलता में प्रभारी निरीक्षक डॉ. आशीष कुमार मिश्रा, चौकी प्रभारी अमित कुमार मिश्रा (मोहरगंज), अमित सिंह (मारूफपुर), हेड कांस्टेबल उपेंद्र सिंह, कांस्टेबल रमेश चौहान और अल्ताफ अहमद की भूमिका सराहनीय रही। पुलिस का यह अभियान जनहित में धोखाधड़ी के मामलों पर कड़ा संदेश देने वाला है।
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